किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को सरकार की राहत

लॉकडाउन की वजह से कृषि उत्पादों की खरीद, मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों आदि में पहले ही छूट दी गई है। फसल कटाई व बुआई और बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट दी गई है।

कोरोना की महामारी और लॉकडाउन के बीच करीब 7 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड धारक परिवारों के लिए राहत भरी खबर है। मोदी सरकार ने इन किसानों को राहत देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए कर्ज के भुगतान की डेट दो महीने बढ़ा दी है। बैंकों से लिए गए सभी अल्पकालिक फसली ऋण के भुगतान की अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है। अब किसान 31 मई तक अपने फसल ऋण को केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं। बता दें अगर किसान 31 मार्च या फिर समय पर इस कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताते हुए कहा कि कोरोना महामारी रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में कई किसान अपने बकाया कर्ज के भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक जाने में सक्षम नहीं हैं। लॉकडाउन के चलते कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री और उनका भुगतान लेने में कठिनाई हो रही है। इसलिए इन्हें छूट प्रदान की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड के कर्ज अदायगी की ब्याज दर, केसीसी लोन की रिपेमेंट पर 31 मई तक सिर्फ 4 फीसदी ब्याज देना होगा।
किसान हैल्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आर के सिंह ने इसे सरकार का ढोंग बताया है उन्होने कहा कि जब सभी भगवान दाता के मंदिर, मस्जिद, चर्च,गुरुद्वारे बन्द हो गए तो सिर्फ एक ही दाता का दरवाजा खुला है वह है अन्नदाता।
उन्होंने कहा कि राहत पैकेज में भी किसानों को वह सम्मान निधि का पैसा देने की बात कही है जो प्रधानमंत्री जी पहले से ही देते आये हैं, किसानों को कुछ भी नहीं मिला।
उन्होंने के सी सी के लिए कहा कि सरकार को लोन माफी के लिए कदम उठाए जाने चाहिए क्योंकि इस बार रवी फसल मौसम के चलते 60 प्रतिशत कम हुई है ऊपर से कोरेना महामारी के चलते फ़सलो की कटाई मड़ाई और विपरण कुछ सही नहीं चल रहा है।आगामी फसलों की बुबाई30% कम हो पाई है।जिससे किसानों की कमर बिल्कुल टूट चुकी है, ऐसे में राहत पैकेज में ऋण माफी होनी चाहिए लेकिन देश विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहा है तो ऐसे में हम किसानों के लिए वर्ष का व्याज माफ् कर समयावधि तक मूलधन का भुगतान करने की व्यवस्था की जाये।
उन्होंने बताया कि उक्त सन्दर्भ में मैंने माननीय प्रधानमंत्री जी को ट्वीट किया है।