धान की फसल में महावार महत्वपूर्ण कार्य

मई

१ पंत-४ सरजू-५२ आई.आर.-३६ नरेन्द्र ३५९ आदि।

२ धान के बीज शोधन बीज को १२ घन्टे पानी मे भिगोकर तथा सुखाकर नर्सरी में बोना।

जून

१ धान की नर्सरी डालना। सुगन्धित प्रजातियां शीघ्र पकने वाली।

२ नर्सरी में खैरा रोग लगने पर जिंक सल्फेट तथा यूरिया का द्दिडकाव सफेदा रोग हेतु फेरस सल्फेट तथा यूरिया का द्दिडकाव

३ धान की रोपाई

४ रोपाई के समय संस्तुत उर्वरक का प्रयोग एवं रोपाई के एक सप्ताह के अंदर ब्यूटाक्लोर से खरपतवार नियंत्रण

जुलाई

१ धान की रोपाई प्रत्येक वर्गमीटर मे ५० हिल तथा प्रत्येक हिल पर २-३ पौधे लगाना एवं ब्यूटाक्लोर से खरपतवार नियंत्रण

२ ऊसर क्षेत्र हेतु ऊसर धान-१ जया साकेत-

४ की रोपाई ३५-४० दिन की पौध लगाना।

पंक्ति से पंक्ति की दूरी १५ सेमी व पौधे से पौधे की दूरी १० सेमी. एवं एक स्थान पर ४-५ पौध लगाना।

अगस्त

१ धान में खैरा रोग नियंत्रण हेतु ५ किग्रा. जिंक सल्फेट तथा २० किग्रा. यूरिया अथवा २.५ किग्रा. बुझा चूना को ८०० लीटर पानी।

२ धान में फुदका की रोकथाम हेतु मोनोक्रोटोफास ३५ ई.सी. एक ली. अथवा इंडोसल्फान ३५ ई.सी. १.५ लीटर ८०० लीटर घोलकर प्रति हे. द्दिडकाव।

सितम्बार

१ धान में फूल खिलने पर सिंचाई

२ धान में दुग्धावस्था में सिचाई।

३ धान में भूरा एवं झौका रोग की रोकथाम हेतु जिंक मैगनीज कार्बामेंट अथवा जीरम ८० के २ किग्रा. अथवा जीरम २७ प्रतिशत के ३० ली० अथवा कार्बन्डाजिम १ ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोलकर तैयार कर द्दिडकाव करना चाहिये।

४ धान में पत्तियों एवं पौधो के फुदके नियंत्रण हेतु मोनोक्रोटोफास १ लीटर का ८०० लीटर पानी में घोलकर प्रति हे. द्दिडकाव करे।

५ धान मे लेग लीफ अवस्था पर नत्रजन की टाप डे्रसिंग। ६ गन्धी कीट नियंत्रण हेतु ५ प्रतिशत में मैलाथियान चूर्ण २५ से ३० किग्रा. प्रति हे. की या लिन्डेन १.३ प्रतिशत धूल २० से २५ किग्रा./हे. का बुरकाव करे।

अक्टूबर

१ धान में सैनिक कीट नियंत्रण हेतु मिथाइल पैराथियान २ प्रतिशत चूर्ण अथवा फेन्थोएट का २ प्रतिशत चूर्ण २५-३० किग्रा. किग्रा/हे. बुरकाव करे। २ धान में गंधी कीट नियंत्रण हेतु मैलाथियान ५ प्रतिशत चूर्ण के २५-३० कि. ग्रा. प्रति हे. या लिन्डेन १.३ प्रतिशत धूल धूल २०-२५ किग्रा. प्रति हे. बुरकाव करे। धान की कटाई मढ़ाई कटाई : धान की फसल की कटाई ९० प्रतिशत परिपक्वता पर की जाय। मडाई : खेत में लाक एक दो दिन से अधिक नही द्दोडना चाहिये कम धूप मे घीरे धीरे-२ खूब सुखाकर भण्डारण करे।

organic farming: 
जैविक खेती: