धान

धान (Paddy / ओराय्ज़ा सैटिवा) एक प्रमुख फसल है जिससे चावल निकाला जाता है। यह भारत सहित एशिया एवं विश्व के बहुत से देशों का मुख्य भोजन है। विश्व में मक्का के बाद धान ही सबसे अधिक उत्पन्न होने वाला अनाज है।

ओराय्ज़ा सैटिवा (जिसका प्रचलित नाम 'एशियाई धान' है) एक पादप की जाति है। इसका सबसे छोटा जीनोम होता है (मात्र ४३० एम.बी.) जो केवल १२ क्रोमोज़ोम में सीमित होता है। इसे सरलता से जेनेटिकली अंतरण करने लायक होने की क्षमता हेतु जाना जाता है। यह अनाज जीव-विज्ञान में एक मॉडल जीव माना जाता है

धान की नर्सरी तैयार करने का तरीका

भारत में, धान खरीफ मौसम का एक महत्वपूर्ण फसल है. धान का राष्ट्रीय आच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता क्रमशः 44.16 मिलीयन हेक्टेयर, 116.48 मिलीयन टन एवं 2638 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है (स्रोतः कृषि सांख्यिकी एक नजर में, 2020), यदि इन ऑकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन करें तो देश में धान के फसल की उत्पादकता  एवं उत्पादन  बढ़ाने की आपार संभावनाएं एवं संसाधन उपलब्ध हैं

धान में पौधशाला प्रबन्धन

धान विश्व में सर्वाधिक क्षेत्रफल में उगायी जाने वाली फसल है तथा अधिकांश क्षेत्रफल में इसकी खेती रोपाई विधि से होती है। रोपाई विधि में पौधशाला में धान की पौध तैयार की जाती है जो एक निश्चित अवधि के पश्चात कंदैड़ किये हुये खेत में रोप दी जाती है। रोपाई विधि को आरम्भ में खरपतवार प्रबन्धन के उद्देश्य से अपनाया गया था परन्तु इसके अतिरिक्त रोपाई विधि में चुनकर स्वस्थ पौध की रोपाई तथा निर्धारित दूरी पर पौध का रोपण करने की भी सुविधा है जिससे पानी, पोषक तत्वों तथा सूर्य के प्रकाश की समान उपलब्धता होती है। अच्छे उत्पादन के लिये आवश्यक है कि पौधशाला का बेहतर ढंग से प्रबन्धन किया जाये। पौधशाला प्रबन

धान की जैविक खेती

भूमि का चुनाव

धान कि खेती के लिए अच्छी उर्वरता वाली समतल व अच्छे जलधारण क्षमता वाली मटियार या चिकनी मिटटी सर्वोत्तम होती है सिचाई कि पर्याप्त सुबिधा होने पर हलकी भूमियों में भी धान कि खेती सफलता पूर्वक कि जा सकती है .

खेत की तैयारी

धान में जीवाणुज पत्ती अंगमारी रोग एवं रोकथाम

जीवाणुज पत्ती अंगमारी रोग या जीवाणुज पर्ण झुलसा रोग जीवाणुज पर्ण झुलसा रोग लगभग पूरे विश्व के लिए एक परेशानी है। भारत मे मुख्यत: यह रोग धान विकसित प्रदेशाें जैसे- पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, छत्तीशगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटका, तमिलनाडु मे फैली हुई है। इसके अलावे अन्य कई प्रदेशों मे भी यह रोग देखी गई है। भारत वर्ष मे यह रोग सबसे गंभीर समस्या बन गया है। यह रोग बिहार मे भी बड़ी तेजी से फैल रहा है।

Pages