किसानों का 579.03 करोड़ रुपये कर्ज हुआ माफ, 94 हजार से ज्यादा को मिला फायदा

किसानों का 579.03 करोड़ रुपये कर्ज हुआ माफ, 94 हजार से ज्यादा को मिला फायदा

मुख्यमंत्री फसली ऋण मोचन योजना संपन्न हो गई है। बिजनौर जिले के किसानों को इस योजना से बहुत फायदा हुआ है। जिले के किसानों का 579 करोड़ रुपये योजना में माफ हुआ है। योजना की केवल एक ही किस्त आनी बाकी है। इस योजना की वजह से जिले के 94 हजार से ज्यादा किसानों का कर्जा माफ हुआ है या उन्हें कर्ज माफी में मदद मिली है।

योगी सरकार में किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा की गई थी। 31 मार्च 2016 से पहले ऋण लेने वाले व 31 मार्च 2017 तक ऋण जमा न करने वाले किसानों के कर्ज से कुल एक लाख रुपये तक की राशि माफ की गई। योजना में जिले में काफी किसानों ने अपनी पात्रता के लिए आवेदन किया था। योजना अब पूरी हो गई है।

योजना में जिले में अब तक 91 हजार 115 किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। इन किसानों पर 555.58 करोड़ रुपये का कर्ज था। जिले के तीन हजार 225 और किसानों की कर्जमाफी के लिए सरकार से 23.45 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है। यह राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जाएगी। इन्हें मिलाकर जिले के किसानों का 94 हजार 340 किसानों का 579.03 करोड़ रुपया माफ हो जाएगा।

जिले में आज तक किसी भी योजना में किसानों का इतना कर्ज माफ नहीं हुआ है। जिला कृषि अधिकारी व योजना के नोडल अधिकारी अवधेश मिश्रा के अनुसार जिले के करीब 94 हजार किसानों का ऋण माफ हुआ है। अब किसी किसान का आवेदन योजना में नहीं लिया जा रहा है। अगर शासन का आदेश होगा तो किसानों के आवेदन लिए जाएंगे।
बंपर कर्ज हुआ माफ
साल 2012 में सपा की प्रदेश सरकार ने किसानों का 23 करोड़ रुपया माफ किया था। कांग्रेस सरकार में भी साल 2009 में जिले के किसानों का कर्ज माफ किया गया था। दोनों सरकारों में मिलकर भी मुख्यमंत्री फसल ऋण मोचन योजना में माफ हुए कर्ज से बहुत कम कर्ज माफ हुआ था।

ये हैं ऋण माफी की पात्रता की प्रमुख शर्तें
सामान्य किसानों के लिए
-किसान का ऋण 31 मार्च 2016 से पहले लिया गया हो।
-किसान पर दो हेक्टेयर/25 बीघा से ज्यादा जमीन न हो।
-किसान ने एक फसल व एक ही जमीन पर दो बैंकों से ऋण न लिया हो।
-खेती के लिए स्वयं सहायता समूह या स्वयं सहायता समूह द्वारा लिया ऋण माफ नहीं किया गया।
-अरबन कोऑपरेटिव बैंक व उत्तर प्रदेश सहकारी भूमि विकास बैंक से लिया गया ऋण माफ नहीं किया गया।
-चीनी मिल द्वारा किसानों को दिया गया ऋण माफ नहीं किया गया।
-किसान द्वारा ऋण राशि का दुरुपयोग करने पर ऋण माफ नहीं किया गया।
-फसल उत्पादन से अलग कार्य के लिए लिया गया ऋण माफ नहीं किया गया।
एनपीए खाते वाले किसानों के लिए
-किसान यूपी का निवासी हो और यूपी की बैंक शाखा से ही ऋण लिया हो।
-किसान लघु व सीमांत श्रेणी का होनी चाहिए।
-किसान का खाता आरबीआई द्वारा वर्गीकृत एनपीए श्रेणी में शामिल हो।
-खाते को 31 मार्च 2016 तक एनपीए घोषित किया जा चुका हो।
-25 प्रतिशत राशि किसान खुद खाते में जमा किया।