रबी की फसलों के लिए पानी की कमी

फसलों के लिए पानी की कमी

तेज गर्मी के कारण प्रदेश के बांधों में घटते जल स्तर को लेकर गर्मी में धान की फसल लेने वाले किसान चिंतित हो गए है। प्रदेश के कई इलाकों में किसानों की ओर से पानी बढ़ाने की मांग की जा रही है, वहीं जल संसाधन विभाग ने बांधों में घटती पानी की मात्रता को देखते हुए पानी की सप्लाई सीमित कर दी है।

किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा के साथ किसानों ने बुधवार को महानदी परियोजना के मुख्य अभियंता एसवी भगत को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों जानकारी दी कि पानी की कमी से गर्मी का धान संकट की स्थिति में है। कुछ जगहों पर फसल पकने की स्थिति में है तो कुछ जगहों पर पकने की स्थिति में। अगले 15 दिनों तक पानी की जबरदस्त जरूरत है लेकिन कैनालों में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। पानी पर्याप्त नहीं मिला तो फसल सूख जाएगी।

महानदी के मेन कैनाल में कम पानी

महानदी मुख्य नहर में पिछले कुछ दिनों से पानी कम छोड़ा जा रहा है। इसके चलते दूरस्थ क्षेत्र के किसानों को कम पानी मिल रहा है। गंगरेल में केवल 20 फीसदी पानी बचा है। यहां से सिंचाई के अलावा रायपुर शहर और बीएसपी को पानी दिया जाता है। इस साल सिंचाई के रकबे में भी इजाफा हुआ है।

पर्याप्त है पानी - भागवत

महानदी परियोजना के मुख्य अभियंता एसवी भागवत का कहना है कि प्रदेश में गर्मी में बांधों में पानी घटता है, लेकिन अगले 15 से 20 दिनों तक फसलों को देने के लिए पर्याप्त पानी है। गर्मी की फसल को 15 मई तक पानी लगता है। इसके बाद डिमांड घट जाती है। जो फसल थोड़ी लेट होती है, वहीं पानी भेजना होता है। पानी की जरूरत और सप्लाई को लेकर लगातार विभाग की नजर है। पानी कम न पड़े इसके लिए जरूरत के हिसाब से लोगों को पानी दिया जा रहा है।

साभार नई दुनिया जागरण