खरपतवार

खरपतवारों की दोस्ती से करें खेती

हजारो सालों से खेती खरपतवारों को मार कर की जारही है किन्तु अफ़सोस की बात है की खरपतवार नहीं वरन अब किसान ही मरने लगे है. जो दवाई वे कीड़े मकोड़ों और नींदों को मारने के लिए खरीद कर लाते हैं खुद पी कर आत्म हत्या करने लगे हैं. भारतीय प्राचीन खेती किसानी में खेती जमीन को पड़ती कर उपजाऊ और पानीदार बनाईं जाती थी. पड़ती करने से जमीन पूरी तरह अपने आप पैदा होने वाली वनस्पतियों से ढँक जाती थीं इस ढकाव में अनेक धरती में रहने वाले जीव जंतु सक्रीय हो जाते हैं वे बहुत जल्दी जमीन को छिद्रित, उर्वरक और पानीदार बना देते हैं.

खरपतवार नाशी का उपयोग करते समय सावधानी बरते

खरपतवारनाशी आधुनिक कृषि विज्ञान की परम आवश्यकता है। खरपतवार नाशीयों से खरपतवार नियंत्रण करना मजदूरो द्वारा, यंत्रों द्वारा, शारीरिक शक्ति से अधिक मितव्ययी है। किसान भाईयों को खरपतवारनाशी का चयन करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्‍यान करना चाहिये:

• खरपतवार का प्रकार।

• फसल को जख्म।

• खरपतवार नाशीयों की कीमत

• मौसम का प्रभाव

• आधुनिक संरक्षण तरीके जैसे कम जुताई, न के बराबर जुताई।