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भारत में दलहन उत्पादन : एक परिद्रश्य?

भारतीय कृषि पद्धति में दालों की खेती का महत्वपूर्ण स्थान है। दलहनी फसलें भूमि को आच्छाद  प्रदान करती है जिससे भूमि का कटाव  कम होता है। दलहनों में नत्रजन स्थिरिकरण का नैसर्गिक गुण होने के कारण वायुमण्डलीय नत्रजन को  अपनी जड़ो में सिथर करके मृदा उर्वरता को भी बढ़ाती है। इनकी जड़ प्रणाली मूसला होने के कारण कम वर्षा वाले शुष्क क्षेत्रों में भी इनकी खेती सफलतापूर्वक की जाती है। इन फसलों के दानों के छिलकों में प्रोटीन के अलावा फास्फोरस अन्य खनिज लवण काफी मात्रा में  पाये जाते है जिससे पशुओं और मुर्गियों के महत्वपूर्ण रातब  के रूप में इनका प्रयोग किया जाता है। दलहनी फसलें हरी खाद के रूप में प्रयोग क