शिमला मिर्च

शिमला मिर्च, मिर्च की एक प्रजाति है जिसका प्रयोग भोजन में सब्जी की तरह किया जाता है। अंग्रेज़ी मे इसे कैप्सिकम (जो इसका वंश भी है) या पैपर भी कहा जाता है। मूलत: यह सब्जी दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की है जहाँ ऐसे साक्ष्य मिलते हैं कि इसकी खेती लगभग पिछले 3000 सालों से की जा रही है। शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है जिसे सलाद या सब्जी के रूप में खाया जा सकता है। बाजार में शिमला मिर्च लाल, हरी या पीले रंग की मिलती है। चाहे शिमला मिर्च किसी भी रंग की हो लेकिन उसमें विटामिन सी, विटामिन ए और बीटा कैरोटीन भरा होता है। इसके अंदर बिल्‍कुल भी कैलोरी नहीं होती इसलिये यह खराब कोलेस्‍ट्रॉल को नहीं बढ़ाती। साथ ही यह वजन को स्थिर बनाये रखने के लिये भी योग्‍य है।

यह नर्म आर्द्र जलवायु की फसल है। छत्तीसगढ़ मे सामान्यतः शीत ऋतु मे तापमान 100 सेल्सियस से अक्सर नीचे नही जाता एवं ठंड का प्रभाव बहुत कम दिनो के लिये रहने के कारण इसकी वर्ष भर फसले ली जा सकती है। इसकी अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिये 21-250 सेल्सियस तापक्रम उपयुक्त रहता है। पाला इसके लिये हानिकारक होता है। ठंडे मौसम मे इसके फूल कम लगते है, फल छोटे, कड़े एवं टेढ़े मेढ़े आकार के हो जाते है तथा अधिक तापक्रम (330 सेंल्सि. से अधिक) होने से भी इसके फूल एवं फल झड़ने लगते है।

इसकी खेती के लिये अच्छे जल निकास वाली चिकनी दोमट मृदा जिसका पी.एच. मान 6-6.5 हो सर्वोत्तम माना जाता है। वहीं बलुई दोमट मृदा मे भी अधिक खाद डालकर एवं सही समय व उचित सिंचाई प्रबंधन द्वारा खेती किया जा सकता है। जमीन के सतह से नीचे क्यारियों की अपेक्षा इसकी खेती के लिये जमीन की सतह से ऊपर उठी एवं समतल क्यारियां ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।

 

शिमला मिर्च की जैविक खेती

भूमि :-

शिमला मिर्च के लिए अच्छी उपजाऊ जमीन जिसमे जीवांश कि मात्रा अधिक हो आवश्यक होती  है भूमि कि प्रकृति  बलुई दोमट होनी चाहिए इस प्रकार से चुनी हुई जमीन कि ३-४ बार अच्छी तरह से खुदाई करके मिटटी को अच्छी प्रकार से तैयार कर लिया जाता है  |

जलवायु :-