बैगन की जैविक उन्नत खेती

भूमि

बैंगन का पौधा कठोर होने के कारण बिभिन्न प्रकार की मृदाओं पर उगाया जा सकता है बैंगन की फसल उत्पादन के लिए उचित जल निकास वाली उर्वर भूमि की आवश्यकता होती है अगेती फसल के लिए रेतीली दोमट भूमि और अधिक उपज के लिए मटियार दोमट भूमि अच्छी रहती है भूमि का पी. एच. मान 5.5 - 6.5 के मध्य होना चाहिए पहली जुताई मिटटी पलटने वाले हल से करें उसके बाद 3-4 बार हैरो या देशी हल चलाकर पाटा लगाएं भूमि के प्रथम जुताई से पूर्व गोबर की खाद समान रूप से बिखेरनी चाहिए यदि गोबर की खाद उपलब्ध न हो तो खेत में हरी खाद का उपयोग करना चाहिए रोपाई करने से पूर्व सिचाई सुविधा के अनुसार क्यारियों में और सिचाई नालियों में विभाजित कर लेते है.

प्रजातियाँ - बैंगन की उन्नत किस्मों को फल के आकार के अनुसार दो भागों में विभक्त किया है - लम्बा बैंगन, गोल बैंगन

लम्बे फल वाली किस्मों की खेती वर्ष भर हर मौसम में की जा सकती है प्राय;इसकी पैदावार गोल किस्मों की अपेक्षा अधिक मिलती है गोल किस्मे रबी मौसम में अधिक पैदावार देती है.

बीज-बुवाई/पौध रोपण

बेंगन की बुवाई के तीन प्रमुख मौसम है जिनका उल्लेख आगे किया गया है -

शरद - शिथिर फसल- इस फसल के लिए पौधशाला में बीज जून माह के अंत से जुलाई के मध्य तक बोए जाते है.

बसंत ग्रीष्म फसल- इस फसल के लिए पौधशाला में बीज नवम्बर माह के अंत में बोए जाते है और जनवरी के अंत में या जिस समय पाले का खतरा समाप्त हो जाए तब पौध लगाई जाती है पूसा पर्पिल लौंग नामक किस्म इस मौसम के लिए अनुपयुक्त है .

वर्षाकालीन फसल- इस फसल के लिए पौधशाला में बीज फ़रवरी - मार्च के महीनों में बोए जाते है और पौध मार्च - अप्रैल के माह में लगाई जाती है पहाड़ी इलाकों में बैंगन की फसल केवल गर्मी के मौसम में लगाई जाती है पौधशाला में बीज फ़रवरी - मई तक बोए जाते है और रोपाई इलाके की उचाई के अनुसार अप्रैल से जून तक की जाती है अक्टूम्बर - नवम्बर तक फसल की कटाई समाप्त कर दी जाती है.

ऑर्गेनिक खाद

बैंगन की भरपूर उपज लेने के लिए ऑर्गेनिक खाद , कम्पोस्ट खाद का होना बहुत जरुरी है इसके लिए 30-40 क्विंटल प्रति हे. गोबर की अच्छी तरह से सड़ी हुई खाद इसके अतिरिक्त 2 बैग भू-पावर वजन 50 किलो ग्राम 2 बैग माइक्रो फर्टीसिटी कम्पोस्ट वजन 40 किलो ग्राम, 2 बैग माइक्रो नीम वजन 20 किलो ग्राम, 2 बैग माइक्रो भू -पावर वजन 10 किलो ग्राम, 2 बैग सुपर गोल्ड कैल्सीफर्ट वजन 10 किलो ग्राम और 50 किलो अरंडी की खली इन सब खादों कोअच्छी तरह से मिलाकर खेत में बुवाई से पूर्व इस मिश्रित खाद को खेत में समान मात्रा में बिखेर दें फिर खेत के अच्छे तरीके से जुताई करें खेत तैयार करें फिर बुवाई करें.

और जब फसल 25-30 दिन की हो जाए तो तब उसमे 2 बैग सुपरगोल्ड मैग्नीशियम 1 किलो ग्राम और माइक्रो झाइम 500 मीली को 400 लीटर पानी में अच्छी तरह घोलकर तर-बतर कर छिडकाव करें और हर 15-20 दिन के अंतर पर दूसरा व तीसरा छिडकाव करें.