मशरूम उत्पादन...गांव में खेती, शहर में कमाई

लोगों के खाने की थाली में मशरूम ने एक खास जगह बना ली है। छोटे से गांव की रसोई से लेकर फाइव स्टार होटल के मेन्यू तक में मशरूम की पहुंच बन गई है। लेकिन जिस अनुपात में मशरूम की मांग है, उस अनुपात में देश में इसका उत्पादन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मशरूम उत्पादन कर आप अपने स्वरोजगार को बढ़ाने के साथ-साथ बेहतर कमाई भी कर सकते हैं।

क्या है मशरूम
मशरूम में फॉलिक एसिड और खनिज लवण पाए जाते हैं, जो मानव शरीर के  ब्लड में अतिआवश्यक रेड सेल्स बनाने का काम करते हैं। आमतौर पर खाने में सब्जी के  रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है। पहले सिर्फ चुनिंदा देशों में ही इसका सेवन किया जाता था, लेकिन अब इसकी पहुंच विश्व के अधिकांश भागों के साथ-साथ भारत के ग्रामीण इलाकों तक हो गई है। 

जगह और मौसम का खास महत्व
सामान्य तौर पर मशरूम उत्पादन के लिए 20 से 40 डिग्री तापमान होना आवश्यक है। इसके अलावा वातावरण में नमी का होना भी जरूरी है। नमी के बगैर मशरूम का ठीक तरह से विकास नहीं हो पाता।

कैसे करें उत्पादन
आप अपनी सुविधानुसार मशरूम उत्पादन के लिए जगह का चुनाव कर सकते हैं। मशरूम उत्पादन के लिए बेहतर तरीका है कि किसी नमी वाले भाग में इसका उत्पादन किया जाए या फिर अपने जमीन के कुछ भाग पर मशरूम उत्पादन के अनुकूल मशरूम घर तैयार कर वहां पर खेती करें। मशरूम उत्पादन के लिए घर में गेहूं की भूसी या धान की पुआल का ढेर लगा कर उसमें पानी डाल नमी पैदा कर, उसमें कम्पोस्ट और मशरूम का बीज डाल कर आप मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं। ऑयस्टर मशरूम के उत्पादन के लिए 80 फीसदी नमी और तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। इसके उत्पादन के लिए सितम्बर-अक्तूबर का महीना बेहतर माना जाता है। टेम्परेंट मशरूम के लिए 70 से 90 फीसदी नमी और 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान का होना जरूरी है। इसके उत्पादन के लिए अक्तूबर से फरवरी का समय अनुकूल होता है। वॉल वैरियल्ला मशरूम का उत्पादन अप्रैल से अक्तूबर माह में किया जा सकता है। वॉल वैरियल्ला के उत्पादन के लिए तापमान 30 से 40 डिग्री सेल्सियस व नमी 80 से ज्यादा होनी चाहिए।

जरूरी सामान
मशरूम उत्पादन के लिए मशरूम घर, पॉलीथिन के थैले, कम्पोस्ट बनाने के लिए जरूरी सामग्री, मशरूम स्पान तथा केसिंग मिट्टी प्रमुख हैं।

दो-तीन महीने में फसल तैयार
मशरूम का सफल उत्पादन दो से तीन महीने में आसानी से हो जाता है। मशरूम की बुआई से लेकर कटाई तक में लगभग दो-तीन महीने का समय लग जाता है।

कैसे करें व्यापार
मशरूम उत्पादन करने के बाद उसे सही मार्केट तक पहुंचाने पर ही आपको सही मायनों में मुनाफा मिल सकता है। वैसे तो मशरूम की काफी मांग है, लेकिन इसके लिए मंडी में आपको एक बार पहचान तो बनानी ही पड़ेगी, ताकि भविष्य में आपका मशरूम आसानी से बाजार तक पहुंच जाए। 

संभावना
देश में आम लोगों तक पहुंच बढ़ाने से मशरूम की डिमांड काफी बढ़ गई है। इसे देखते हुए मशरूम के काफी अधिक उत्पादन की जरूरत है। हालांकि मशरूम का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी जरूरत के मुकाबले इसका उत्पादन काफी कम हो रहा है। ऐसे में अगर इसका उत्पादन शुरू करते हैं तो यह निश्चित रूप से फायदे का सौदा साबित होगा।

प्रशिक्षण
कृषि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के बागवानी विभाग समय-समय पर कुछ सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते रहते हैं, जिसमें शामिल होकर आप आसानी से मशरूम उत्पादन की बारीकियों को सीख सकते हैं। यह प्रशिक्षण सरकारी संस्थानों में मुफ्त दिया जाता है। प्रशिक्षण के लिए आप नजदीकी कृषि महाविद्यालय में पता कर सकते हैं।

पूंजी
मशरूम की खेती को छोटी जगह और कम लागत में आसानी से शुरू किया जा सकता है और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। तीन-चार कमरों के मशरूम घर में मशरूम की खेती करने के लिए मशरूम बीज, कम्पोस्ट व अन्य जरूरी सामान के लिए कम से कम 15 से 20 हजार रुपए की जरूरत होगी।

प्रशिक्षण देने वाले संस्थान
पादप रोग संभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली
राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा (समस्तीपुर), बिहार
इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीटय़ूट, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीय खुम्ब अनुसंधान केन्द्र, सोलन, हिमाचल प्रदेश
जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंत नगर, उत्तराखंड
आणंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, आणंद, गुजरात
सबौर कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार

 

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