सर्दी में बारिश मतलब किसान की आफ़त

सर्दी में बारिश मतलब किसान की आफ़त

जनवरी में सर्दी के मौसम में अचानक वारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। देश के अलग-अलग हिस्सों में दो दिनों से लगातार बारिश से जहां सरसों की फसल खत्म होने आशंका है तो वहीं आलू की फसल को भी नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि गेहूं के लिए बारिश अच्छी साबित हो सकती है , लेकिन हालात देखते हुए यह गेहूँ को नुकसान कर सकती है।

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत उत्तर भारत में हो रही इस बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने पहले ही जारी कर दी थी। रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण आलू की खेतों में पानी जमा हो गया है। नमी बढ़ने से जहां सरसों की फसल बीमारी की चपेट में आ सकती है तों वहीं कमजोर होने के कारण फूल भी टूट रहे हैं।
गन्ने की स्थिति भी बहुत अच्छी नही है जिन किसानों ने अक्टूबर में गन्ने की बुबाई की है उनकी फसल में तो अधिक फर्क नहीं है लेकिन नबम्बर महीने या दिसंबर बुबाई का गन्ने को काफी नुकसान हो सकता है।
गन्ना के प्रसिद्ध किसान चौधरी जबर पाल सिंह जी अनुसार गन्ना किसानों के लिए यह बारिश अभिशाप से कम नहीं है, साथ ही उन्होंने बताया कि गन्ने में फंगस की समस्या बढ़ेगी, किसान सल्फ़र के साथ वर्द्धिकरक का स्प्रे करते रहें।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले दलहन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक जीपी दीक्षित बताते हैं, " चने की फसल को इस बारिश से नुकसान नहीं होगा, बल्कि किसानों को अब सिंचाई के लिए पैसे नहीं खर्च पड़ेंगे।"
हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि गेहूं की फसल को सर्दी के मौसम की इस बारिश से फिलहाल कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल को बारिश से तभी नुकसान हो सकता है जब खेतों में दो दिनों से अधिक समय तक पानी खड़ा रह जाएगा।