गेहूँ

गेहूं (Wheat ; वैज्ञानिक नाम : Triticum spp.), मध्य पूर्व के लेवांत क्षेत्र से आई एक घास है जिसकी खेती दुनिया भर में की जाती है। विश्व भर में, भोजन के लिए उगाई जाने वाली धान्य फसलों मे मक्का के बाद गेहूं दूसरी सबसे ज्यादा उगाई जाने वाले फसल है, धान का स्थान गेहूं के ठीक बाद तीसरे स्थान पर आता है। गेहूं के दाने और दानों को पीस कर प्राप्त हुआ आटा रोटी, डबलरोटी (ब्रेड), कुकीज, केक, दलिया, पास्ता, रस, सिवईं, नूडल्स आदि बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। गेहूं का किण्वन कर बियर, शराब, वोद्का और जैवईंधन बनाया जाता है। गेहूं की एक सीमित मात्रा मे पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है और इसके भूसे को पशुओं के चारे या छत/छप्पर के लिए निर्माण सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

हालांकि दुनिया भर मे आहार प्रोटीन और खाद्य आपूर्ति का अधिकांश गेहूं द्वारा पूरा किया जाता है, लेकिन गेहूं मे पाये जाने वाले एक प्रोटीन ग्लूटेन के कारण विश्व का 100 से 200 लोगों में से एक व्यक्ति पेट के रोगों से ग्रस्त है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की इस प्रोटीन के प्रति हुई प्रतिक्रिया का परिणाम है

कोरोना वीर धर्मेंद्र सिंह लाठर जिन्होंने 225 क्विंटल गेहूं सरकार को दान दिया

कोरोना वीर  धर्मेंद्र सिंह लाठर जिन्होंने 225 क्विंटल गेहूं सरकार को दान दिया

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के किसान ने मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने खेत में पैदा हुए 225 क्विंटल गेहूं को लॉकडाउन में जरूरतमंदों को बांटने के लिए जिला प्रशासन को दान कर दिया। जिला प्रशासन ने गेहूं की तौल करा कर रखवा लिया है। अब इस गेहूं को पिसवा कर आटा जरूरतमंदों को वितरित किया जाएगा। यह भी संभव है कि इस गेहूं को बेच कर जिला प्रशासन जरूरतमंदों के लिए अन्य वस्तुएं भी खरीद ले।

निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

किसान भाइयों जैसा की आप जानते हैं कि देश में इस समय कोविड 19 महामारी का प्रकोप चल रहा है, अतः हमें बहार निकलते समय कुछ सावधानी बरतनी है, जिससे हम खुद भी सुरक्षित रहे और महामारी के फैलाव पैर भी नियंत्रण रहे ।
*हम घर से अत्यंत अवश्यक होने पर ही निकालें ।
*घर से निकलते समय अपने मुंह की ठुडी से लेकर नाक तक मास्क लगाये या सूती रूमाल, गमछा या अन्य कपडे की ३ परत की मास्क घर पर ही बनायें और उसे लगायें ।
* मुख्य मार्ग अथवा हाईवे से होकर जाते समय अपने साथ अपना आधार कार्ड व किसान वही अवश्य अपने साथ रखें ।

योगी सरकार का यूपी के लघु और सीमांत किसानों को तोहफा,जुताई-बुवाई मुफ्त कराएगी सरकार

योगी सरकार का यूपी के लघु और सीमांत किसानों को तोहफा,जुताई-बुवाई मुफ्त कराएगी सरकार

किसानों की फसलें खेत में पक कर तैयार खड़ी है। किसान कुढ़ रहा है कि फसलों को कैसे काटे। अगर नहीं काटा तो फसल खेत में ही बर्बाद हो जाएगी। कोरोना वायरस के खात्मे के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगा रखा है।योगी सरकार ने यूपी के लघु और सीमांत किसानों को राहत देने के लिए ट्रैक्टरों से मुफ्त में खेतों की जुताई और बुवाई कराने का फैसला किया है।
योगी सरकार ने किसानों की मदद को अपना कदम बढ़ाया।पहले चरण में ये योजना यूपी के लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर समेत 16 जिलों में लागू की जा रही है। लॉकडाउन की वजह से किसानों को दो महीने ही मुफ्त में जुताई और बुवाई की सुविधा मिलेगी।

लॉकडाउन के चलते किसानों पर समस्या के अम्बार ,खेत से मंडी तक मुसीबत ही मुसीबत

लॉकडाउन के चलते किसानों पर समस्या के अम्बार ,खेत से मंडी तक मुसीबत ही मुसीबत

किसानों की समस्याओं का कोई हल नहीं है।। अब कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लगे लॉकडाउन ने किसानों की कमर झुका दी है। लॉकडाउन के चलते किसान को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छोटे किसान, मंझोले और बड़े किसान, सभी की तकरीबन एक जैसी समस्याएं हैं। खेत से लेकर मंडी तक किसान पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। अगर किसी तरह फसल कट गई तो उसे मंडी तक ले जाने का इंतजाम नहीं है।

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