कटाई मड़ाई

लॉकडाउन के चलते किसानों पर समस्या के अम्बार ,खेत से मंडी तक मुसीबत ही मुसीबत

लॉकडाउन के चलते किसानों पर समस्या के अम्बार ,खेत से मंडी तक मुसीबत ही मुसीबत

किसानों की समस्याओं का कोई हल नहीं है।। अब कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लगे लॉकडाउन ने किसानों की कमर झुका दी है। लॉकडाउन के चलते किसान को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छोटे किसान, मंझोले और बड़े किसान, सभी की तकरीबन एक जैसी समस्याएं हैं। खेत से लेकर मंडी तक किसान पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। अगर किसी तरह फसल कट गई तो उसे मंडी तक ले जाने का इंतजाम नहीं है।

राज्यों के हार्वेस्टर ड्राइवरों को मिलेगा पास

राज्यों के हार्वेस्टर ड्राइवरों को मिलेगा पास

किसानों ने रबी फसलों की कटाई करना शुरू कर दिया है. बिहार के किसान भी पूरी तैयारी के साथ खेतों में जुट गए हैं. बता दें कि किसान गेहूं की कटाई कई प्रकार के कृषि यंत्रों से करते हैं. इसके लिए पंजाब समेत कई राज्यों से बड़ी संख्या में कृषि यंत्र मांगाए जाते हैं. लॉकडाउन में केंद्र और राज्य सरकार ने कृषि संबंधित कार्यों और वाहनों को छूट दे दी है. ऐसे में सरकार ने एक अहम फैसला लिया है कि कृषि संबंधी सभी वाहनों के लिए जिला स्तर पर एक पास जारी किया जाएगा.

इन राज्यों से हार्वेस्टर के ड्राइवरों को मिलेगा पास

गेहूं की कटाई के बाद बचे अवशेषों को खेतों में न जलाये

गेहूं की कटाई के बाद बचे अवशेषों को खेतों में न जलाये

आधुनिक तकनीक का कृषि में समझदारी से उपयोग करना बहुत जरुरी है। जैसे मजदूरों की कमी के विकल्प के तौर पर आई कंबाइन मशीन वर्तमान में खेती के लिए घातक बनती जा रही है। किसानों द्वारा गेहूं की कटाई के बाद बची पराती को खेतों में जलाया जाता है। जिससे मृदा के पोषक तत्व नष्ट हो जाते है और धुएं से निकलती जहरीली गैसें पर्यावरण को प्रदूषित कर देती है।