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खेती बाड़ी से संबंधित समाचार 

फसल बीमा से रुकेगी किसान आत्महत्या

फसल बीमा से रुकेगी किसान आत्महत्या

खेती में घाटे के चलते बर्बाद होने वाले किसानों की आत्महत्या रोकने के प्रयास में सरकार जुट गई है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि खेती के जोखिम को घटाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है। इससे किसान खुदकुशी करने को मजबूर नहीं होंगे।

उनका कहना था कि फसल बीमा योजना से किसानों की खुदकुशी रुकेगी। कृषि मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा में पूछे सवालों का जवाब देते हुए किसानों के हित संरक्षण में उठाए गए कदमों की फेहरिस्त गिनाई।

14 अप्रैल को मंडी की स्थापना

घास व कृषि अवशेषों से बनाया जाएगा प्लास्टिक

घास व कृषि अवशेषों से बनाया जाएगा प्लास्टिक

अमेरिका में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कार्बन डायऍाक्साइड और घास, पौधों व कृषि अवशेषों से पुनः प्रयोग किया जा सकने वाला (रिन्युएबल)प्लास्टिक बनाने की विधि खोजने में कामयाबी हासिल की है।

यूनिवर्सिटी के रसायन शास्त्र के प्रोफेसर मैथ्यू कानन ने कहा कि हमारा लक्ष्य पेट्रोलियम पदार्थों से बनने वाले प्लास्टिक का विकल्प ढूंढ़ना है। जर्नल नेचर में प्रकाशित शोध में पोलिथिलीन फ्‌यूरांडिकार्बोक्सीलेट (पीईएफ) को पोलिथिलीन टेरीफ्‌थालेट (पीईटी) का बेहतर विकल्प बताया गया है।

कोहरा ना पड़ने से गेहूं की किसानों में चिंता

कोहरा ना पड़ने से  गेहूं की किसानों में चिंता

मौसम की मार पड़ने से किसान चिंति​त है। दिसबंर से लेकर फरवरी तक मौसम सर्दी का होता है। दिसंबर मे घना कोहरा पड़ता था,लेकिन अबकी बार कुछ दिन ही कोहरा पड़ा था,जबकि अब जनवरी लगते ही किसी प्रकार का कोहरा नहीं पड़ा है। इससे किसानों के माथे की लकीरें फिर से बढ़ गई हैं। अगर अब गेहूं के सीजन मे कोहरा ना पड़ा तो गेहूं की फसल की पैदावर कम होगी। किसानों का कहना है कि धुंध ना पड़ने से गेहूं के पौधे की बढवार नहीं हो रही है उसके पौधे में फुटाव नहीं हो रहा है ।जिस कारण गेंहू में ग्रोथ नहीं हो रही।  इस बार सर्दी के मौसम में अपेक्षाकृत सर्दी न पड़ने से किसानों के चेहरे पर मायूसी देखी जा रही है। पिछले एक महीने से ता

दूर होगी दाल की किल्लत आईएआरआई के वैज्ञानिकों ने अरहर की तैयार की एक नई किस्म

दूर होगी दाल की किल्लत आईएआरआई के वैज्ञानिकों ने अरहर की  तैयार की एक नई किस्म

दाल कभी गरीबों का भोजन माना जाता था लेकिन अब दाल गरीबों के लिए एक दिवा स्वप्न से अधिक नही है दाल की किल्लत को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के वैज्ञानिकों ने अरहर की एक नई किस्म तैयार की है जिसकी फसल न सिर्फ कम समय में पककर तैयार हो जाएगी बल्कि उससे उत्पादन भी अधिक होगा। इस किस्म के आने से जहां देश में दलहन का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है, वहीं यह किसानों के लिए विशेष फायदेमंद होगी।  दालों की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर एक राहत की खबर है।

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