agriculture

कृषि
कृषि एवं इससे संबद्ध क्षेत्र भारत की अधिकांश जनसंख्या, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों, के लिए आजीविका का मुख्य साधन है।यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के निर्धारण में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। खाद्य सुरक्षा ,ग्रामीण रोजगार और पर्यावरण तकनीक जैसे की मृदा संरक्षण ,प्राकृतिक संसाधनो का प्रबंधन आदि के सन्दर्भ में स्थायी कृषि समग्र ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक है। समग्र ग्रामीण विकास हेतु भारतीय कृषि क्षेत्र हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, पीली क्रांति एवं नीली क्रांति का द्योतक रहा है। इस खंड में कृषि से संबंधित उत्पादों, मशीनरी, अनुसंधान इत्यादि के बारे जानकारी प्रदान की गई है।

फसलों को पाले से बचाने के लिए करें लगातार करें सिंचाई

फसलों को पाले से बचाने के लिए करें लगातार करें सिंचाई

गत दिनों से मौसम में अचानक परिवर्तन होने की स्थिति को देखते हुए किसान ऐसी स्थिति में लगातार सिंचाई करें। अभी कुछ दिनों से मौसम में अचानक कभी उतार तो कभी चढ़ाव महसूस हो रहा है। इसका फसलों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसको पाला कह सकतें है।

धान, दलहन, कपास आदि की बुआई हो सकती है लेट

धान, दलहन, कपास आदि की बुआई

जिस प्रकार से लगातार बारिश में कमी आ रही है और जलाशयों में भी पानी की कमी हो रही है, उसके साथ ही यदि समय पर मानसून नही आया अथवा बेहतर बारिश नही हुई तो इस साल आगे फसलों की बुआई में देरी होने की संभावना बन रही है. जानकारों का कहना है कि लगातार पिछले दो साल से मानसून कमजोर हो जाने से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.

कृषि क्षेत्र में और ज्यादा छाएगा संकट

कृषि क्षेत्र में और ज्यादा छाएगा संकट

किसानों के लिए आफत पर आफत ही आ रही हैं एक तरफ किसान पिछले कई वर्षों से घाटे में जाता जा रहा है ऊपर से मौसम की मार किसान की कमर तोड़ देती है यदि फसल ठीक थक कर भी ले तो उसे उचित दाम न मिलनें के कारण परेशान रहता है अभी  नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने आज आगाह किया कि देश के कृषि क्षेत्र का संकट 2016-17 में और गहराएगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर जिंस बाजार असामान्य तरीके से व्यवहार कर रहा है और यदि वैश्विक जिंस कीमतों में गिरावट का रुख जारी रहता है, तो देश का कृषि क्षेत्र और संकट में आ जाएगा। उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने, जमीन पट्टा नीति में सुधार और आसान बाजार पहुंच की वकालत करत

राष्ट्रीय कृषि उन्नति मेला कल से प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन

राष्ट्रीय कृषि उन्नति मेला

किसान आंखों देखी पर यकीन करता है, सुनी-सुनाई बातों पर नहीं। इसी को ध्यान में रखकर 19 से 21 मार्च के बीच कृषि उन्नति मेला आयोजित किया जा रहा है। इसमें एक लाख किसान हिस्सा लेंगे। कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि जिंस मंडियों के ग्लोबलाइजेशन से कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।

ऐसे में किसानों को आधुनिक तकनीक से लैस करने की जरूरत है। कृषि उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला में छोटे किसानों की भूमिका अहम हो गई है। उनकी जरूरत के कृषि यंत्रों का प्रदर्शन इस राष्ट्रीय कृषि मेले में किया जाएगा।

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