धान

धान (Paddy / ओराय्ज़ा सैटिवा) एक प्रमुख फसल है जिससे चावल निकाला जाता है। यह भारत सहित एशिया एवं विश्व के बहुत से देशों का मुख्य भोजन है। विश्व में मक्का के बाद धान ही सबसे अधिक उत्पन्न होने वाला अनाज है।

ओराय्ज़ा सैटिवा (जिसका प्रचलित नाम 'एशियाई धान' है) एक पादप की जाति है। इसका सबसे छोटा जीनोम होता है (मात्र ४३० एम.बी.) जो केवल १२ क्रोमोज़ोम में सीमित होता है। इसे सरलता से जेनेटिकली अंतरण करने लायक होने की क्षमता हेतु जाना जाता है। यह अनाज जीव-विज्ञान में एक मॉडल जीव माना जाता है।

बड़ते तापमान पर करते रहे सूक्ष्म सिंचाई

बड़ते तापमान पर करते रहे सूक्ष्म सिंचाई

देश भर में बड़ते तापमान के कारण किसान बहुत चिंतित हैं फसलों का बुरा हाल है खेत सुख रहे है I उत्तर भारत में धान ,गन्ना , सब्जियां ,सोयाबीन जो की प्रमुख फसलें हैं सभी लगी हुई फसलें सूख रही है I जिनकी अभी बोबानी होनी हैं किसान उनकी बोनानी करने में कतरा रहे है उधर देश के सभी राज्यों में सिंचाई की सभी ब्यवस्था लगभग ठप पड़ी हैं तालाब  व पोखरों में पानी नही है नहरों में भी पानी पूरी तरह से पर्याप्त नही है I 

सरकार की सख्ती और लोगों के समझाने के बाद भी किसानों नें जलाई पराली

स्वामीनाथन ने सुझाए पराली जलाने को रोकने के उपाय

पराली के जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट और सरकार की धमकी को नजरअंदाज करते हुए किसान पराली को द्धह्ल्ले से जला रहे हैं I गेहूं एवं दलहन की कटाई के बाद खेतों में बचे फसल के अबशेष पर एक तरफ सरकार सख्त नियम बना रही हैं वही दूसरी ओर किसान उन नियमों को नजरअंदाज करते हुए पराली को जला रहे है I उत्तर प्रदेश ,पंजाब ,राजस्थान ,बिहार ,मध्य प्रदेश से लगातार पराली जलने की सूचनाये लगातार आ रही हैं Iइससे दिल्ली एनसीआर में दमघोंटू स्मॉग जैसी घटनाये भी बड रही हैं I  

 

बरेली जिले में कई स्थानों पर किसानों द्वारा परली जलाई गयी है I जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए कोई ठोस कदम नही उठाये गए हैं I 

फसलों को बीमारियों से बचायें

फसलों को बीमारियों से बचायें

वर्तमान समय में खेत की सतत निगरानी करते हुये फसल में रोगों से बचाव हेतु उपाय कर लें। बताया कि अरहर व धान का पत्ती लपेटक रोग से पीले रंग की सूड़ियाॅ पौधे की चोटी की पत्तियों को लपेटकर सफेद जाला बना लेती हैं और उसी में छिपी पत्तियों को खाती हैं और बाद में फूलों,फलों को नुकसान पहुॅचाती हैं। बचाव हेतु मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिषत 1 लीटर या क्यूनालफास 25 प्रतिशत ईसी 1.250 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 800 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें या नीम का तेल गौमूत्र के साथ स्प्रे करें ।
धान का गन्धी बग- 

धान पर टिड्डियों का हमला

धान पर टिड्डियों का हमला

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के माहिरों को सर्वेक्षण में पता चला है कि धान और बासमती के कुछ खेतों में टिड्डियों का हमला हुआ है।

माहिरों ने सलाह दी है कि पीएयू की सिफारिशों के अनुसार इस हमले को रोकने के लिए फसलों पर दवा का छिड़काव किया जाए।

 

पंजाब में सफेद पीठ और भूरी पीठ वाला टिड्डा धान की फसल का नुकसान करता है। यह टिड्डे पौधे के तने के पास ही रस चूसते हैं और अक्सर दिखाई नहीं देते। इनके हमले से पौधे के पत्ते ऊपरी तरफ से पीले पड़ने शुरू हो जाते हैं और धीरे धीरे सारा पौधा सूख जाता है। 

 

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