प्रधानमंत्री

भारत का प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) भारत सरकार का मुखिया, भारत के राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है।वह किसी भी धर्म या जाति का हो सकता है

नरेन्द्र मोदी भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं।

परिचय

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमंत्री की उपस्थिति आवश्यक मानता है। उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है। सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्यसंपर्क सूत्र भी वही है। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह परिषद के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है । संसद मे परिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है। इन सब कारणॉ के चलते प्रधानमंत्री को भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है।

भारत के प्रधानमंत्रियों की सूची

                                                                                                                           
01    जवाहरलाल नेहरू     15 अगस्त, 1947      27 मई, 1964              
02    गुलजारीलाल नंदा*    27 मई, 1964    9 जून, 1964    
03    लालबहादुर शास्त्री    9 जून, 1964    11 जनवरी, 1966    
04    गुलजारीलाल नंदा*    11 जनवरी, 1966    24 जनवरी,1966    
05    इन्दिरा गान्धी    24 जनवरी,1966    24 मार्च, 1977  

06    मोरारजी देसाई    24 मार्च, 1977    28 जुलाई, 1979 

07    चौधरी चरण सिंह    28 जुलाई, 1979    14 जनवरी,1980  
08    इन्दिरा गान्धी    14 जनवरी,1980    31 अक्टूबर,1984    भा

09    राजीव गान्धी    31 अक्टूबर,1984    2 दिसम्बर, 1989  
10    विश्वनाथ प्रताप सिंह    2 दिसम्बर, 1989    10 नवंबर, 1990    
11    चंद्रशेखर    10 नवंबर, 1990    21 जून, 1991    
12    नरसिंह राव    21 जून, 1991    16 मई, 1996   
13    अटल बिहारी वाजपेयी    16 मई, 1996    1 जून, 1996    

14    एच डी देवगौड़ा    1 जून, 1996    21 अप्रेल, 1997   
15    इंद्रकुमार गुज़राल    21 अप्रेल, 1997    19 मार्च, 1998    
16    अटल बिहारी वाजपेयी    19 मार्च, 1998    22 मई, 2004   
17    मनमोहन सिंह    22 मई, 2004    

18 नरेन्द्र मोदी 

सरकार की सख्ती और लोगों के समझाने के बाद भी किसानों नें जलाई पराली

स्वामीनाथन ने सुझाए पराली जलाने को रोकने के उपाय

पराली के जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट और सरकार की धमकी को नजरअंदाज करते हुए किसान पराली को द्धह्ल्ले से जला रहे हैं I गेहूं एवं दलहन की कटाई के बाद खेतों में बचे फसल के अबशेष पर एक तरफ सरकार सख्त नियम बना रही हैं वही दूसरी ओर किसान उन नियमों को नजरअंदाज करते हुए पराली को जला रहे है I उत्तर प्रदेश ,पंजाब ,राजस्थान ,बिहार ,मध्य प्रदेश से लगातार पराली जलने की सूचनाये लगातार आ रही हैं Iइससे दिल्ली एनसीआर में दमघोंटू स्मॉग जैसी घटनाये भी बड रही हैं I  

 

बरेली जिले में कई स्थानों पर किसानों द्वारा परली जलाई गयी है I जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए कोई ठोस कदम नही उठाये गए हैं I 

कृषि को आधुनिक बनाने के लिए यंत्रों और उपकरणों का प्रयोग जरूरी: राधा मोहन सिंह

कृषि को आधुनिक बनाने के लिए यंत्रों और उपकरणों का प्रयोग जरूरी

कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कृषि को आधुनिक बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण और उपकरणों का समावेश जरूरी है क्योंकि इससे उत्पादकता बढ़ती है और कृषि एक आकर्षक उद्यम बनता है। उन्होंने ये बात आज यहाँ विज्ञान भवन में ‘कृषि यंत्रीकरण में नवाचार - किसान, उद्योग और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के बीच संबंध का विकास’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में कही। 

 

खेती में कोताही बर्दाश्त नहीं

खेती में कोताही बर्दाश्त नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ सहयोगियों को कड़ा संदेश भी दिया है। खास संदेश है कि सरकार की प्राथमिकता वाले कृषि क्षेत्र में कोताही बर्दाश्त नहीं है। तभी को कृषि मंत्रालय से जुड़े दोनों राज्य मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। समूची सरकार में एक मात्र कृषि मंत्रालय है, जहां तीन-तीन राज्य मंत्रियों का सबसे बड़ा अमला है।

कृषि प्रधान राज्य उत्तर प्रदेश और पंजाब खेती वरीयता की सूची में पिछड़े

कृषि प्रधान राज्य  उत्तर प्रदेश और पंजाब खेती वरीयता की सूची में पिछड़े

खेती में बाजी मारने वालों की सूची से इस बार उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्यों का नाम गायब है। अपने किसानों की मेहनत के बूते मध्य प्रदेश देश के सभी राज्यों पर भारी पड़ा है। खाद्यान्न की पैदावार में मध्य प्रदेश को पहला पुरस्कार दिया गया है।

वहीं, हरियाणा ने चावल की उत्पादकता में सबको पछाड़ दिया है। राजस्थान ने गेहूं की पैदावार में सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए चयनित राज्यों के नाम की घोषणा मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने की। खाद्यान्न की पैदावार में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आठ राज्यों को चुना गया है।

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