गोमूत्र और नीम तेल फसलों का बना रक्षा कवच

गोमूत्र और नीम तेल फसलों का बना  रक्षा कवच

बारिश के मौसम में फसलों पर कीटों और फफूंद का प्रकोप बढ़ जाता है। इन्हें खत्म करने की बाजार में सैकड़ों रासायनिक कीटनाशक उपलब्ध हैं लेकिन आप चाहे तो घर पर भी इसका इंतजाम कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आपके पैसे बचेंगे बल्कि फसल पर भी बुरा असर नहीं पड़ेगा।

खरीफ मौसम में जो भी सब्जियां और फसलें बोई जाती हैं उसमे कीट-पतंग,इल्ली और फफूंद का प्रकोप हो जाता है, जिससे फसल और उपज दोनों पर असर पड़ता है। प्रकोपित पौधे बेहतर उत्पादन नहीं दे पाते हैं। बाजार में मौजूद रसायन एक तो काफी महंगे हैं, जो किसान के लिए खेती का खर्च बढ़ा देते हैं दूसरे कई बार इनका फसलों पर असर भी पड़ता है।'

कई बार किसानों की पूरी की पूरी फसल चौपट हो जाती है। ऐसे में कुछ जागरुक किसानों ने घर पर नीम, हल्दी, गौमूत्र और दूसरी घरेलू चीजों का इस्तेमाल कर कीटनाशक बना सकते हैं।

नीम के तेल में छाछ (मट्ठा) मिलाकर छिड़काव करने से ऐसे कीट जल्द मर जाते हैं। इसके लिए आप 15 लीटर क्षमता वाली एक टंकी (दवा छिड़कने वाली मशीन का टैंक) में 35 ग्राम नीम का तेल आधा लीटर छाछ और एक शैंपू का मिलाकर छिड़काव करने से फायदा मिलेगा। एक एकड़ खेत के लिए एक लीटर नीम का तेल पर्याप्त है।

फंगीसाइड (फफूंदनाशक दवा)- तांबा संशोधित छाछ: जैविक फफूंदनाशी

150 लीटर पानी में 3 लीटर खट्टी छाछ (मट्ठा) में एक तांबे का टुकड़ा या लोटा और लोहे की कोई वस्तु डाल देते हैं। दो दिन तक इसे ऐसे की किसी बर्तन में रख देते हैं। इसके बाद इसे अच्छी तरह चलाकर एक एकड़ फसल में छिड़काव कर सकते हैं।