अमेरिकन केसर की खेती के जाल में फंसता किसान
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अमेरिकन केसर लगाकर कमाइए चौथाई एकड़ में 20 लाख रुपये तक..!!
क्या आप सच में एक चौथाई एकड़ में अमेरिकन केसर लगाकर लगभग 20 लाख रुपये कामना चाहते हैं?
परंतु इसका बीज काफी महंगा है। बीज की कीमत 25000 रुपये से लेकर 90000 रुपये प्रतिकिलो तक हो सकती है। एक चौथाई एकड़ में लगभग 200 ग्राम बीज की आवश्यकता होगी।
इस तरह की खबर आप किसी न किसी न्यूज़ पेपर, वेबसाइट या सोसल मीडिया ग्रुप में पढ़ते रहते ही होंगे. इस तरह की सफलता की कहानियों से आप प्रेरित भी होते होंगे. अवश्य ही आप में से कुछ लोगों ने इसकी खेती करने का मन भी बनाया होगा. तो अब इस अमेरिकन केसर की सच्चाई भी जान लीजिये.
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पहली बात कि अमेरिकन केसर जैसी कोई चीज होती ही नहीं है. यह नाम सिर्फ किसानों को गुमराह करने के लिए ईजाद किया गया है. परंतु यह दिखती तो बिलकुल केसर की तरह है, तभी तो इसको अमेरिकन केसर कहते हैं. तो श्रीमान जी, केसर जैसी दिखने वाली हर चीज केसर नहीं हो सकती, ठीक वैसे ही जैसे हर पीली धातु सोना नहीं होती.
यह अमेरिकन केसर फिर है क्या ..?
आपने कुसुम या करड़ी (वैज्ञानिक नाम - Carthamus tinctorius) का नाम जरूर सुना होगा. यह वही फसल है जिसके बीजो से सफोला तेल बनता है. इसके बीज 25-30 रुपये किलो में आसानी से मिल जायेंगे. इसी कुसुम के फूलों का पुंकेसर और स्त्रीकेसर "अमेरिकन केसर" के नाम से प्रचारित किया जा रहा है. इसको ही अमेरिकन केसर बोलकर इसकी कीमत 50 हजार रुपये प्रति किलो के भाव आपको बताये जाते है. ऊँचे लाभ का लालच देकर 25 रुपये किलो का कुसुम का बीज आपको नब्बे हजार रुपये किलो में टिका दिया जाता है.
इस तरह की केसर का कोई बाजार नहीं है. बहुत से किसान साथी इस "अमेरिकन केसर" के शब्दजाल में फंसकर ठगे जा चुके हैं. इन किसान साथियों के पास बहुत अधिक मात्रा में ऐसा नकली केसर पड़ा है, जिसके कोई खरीददार नहीं मिल रहे हैं. इन साथियों को उस भूमि में "नकली केसर" उगाने के चक्कर में कोई अन्य फसल न ले पाने से नुकसान तो हुआ ही साथ ही साथ मानव श्रम और धन का अपव्यव भी हुआ. मानसिक रूप से जो प्रताणना मिल रही है वो तो अलग है ही.. अब इस नकली केसर को "अमेरिकन केसर" के नाम से बेचने में जेल जाने का डर भी सताने लगा है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केसर (वैज्ञानिक नाम- Crocus sativus) के उत्पादन के अनुकूल जलवायु हमारे देश में श्रीनगर के आस-पास है जहाँ इसका उत्पादन किया जाता है. यह प्याज के कंदो की तरह लगाया जाता है जिसमे बैगनी रंग के फूल आते हैं. इन फूलों के अंदर स्थित मादा जननांग के वर्तिकाग्र को ही केसर कहते हैं जिसे हाथ से तोड़कर एकत्र किया जाता है. इस केसर के उत्पादन में लगभग डेढ़ लाख पौधों को लगाने से एक किलो केसर मिल पाता है. इस केसर की कीमत गुणवत्ता अनुसार डेढ़ लाख से लेकर तीन लाख रुपये तक हो सकती है.
कम मेहनत या चमत्कार से रातों-रात अमीर बनने के चक्कर में नुकसान ज्यादा हो जाता है इसलिए आप भी जागरूक बनिए, अन्य साथियों को जागरूक करिये. ताकि हम ऐसे ठगोरों से बच सकें।
डॉ0 जितेंद्र सिंह