बीज पर विदेशी कंपनियों के शोषण एवं सूखे से निबटारे के लिए सरकार करेगी नियंत्रण
दस राज्यों में सूखे की गंभीर हालत के मद्देनजर सरकार ने चौतरफा कदम उठाना शुरु कर दिया है। मनरेगा के तहत बड़ी रकम जारी करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सूखे पर जल्द फैसले लेने केनिर्देश के बाद कृषि मंत्री ने केलिए किसानों को मल्टीनेशनल कंपनियों के शोषण से दूर रखने का एलान किया है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि खासतौर पर कपास केबीज पर सरकार अपना पूरा नियंत्रण रखेगी। ताकि मोनसेंटो जैसी विदेशी कंपनियां किसानों का दोहन नहीं कर सके।
कृषि मंत्री ने कहा कि करीब दस राज्यों में सूखे की हालत गंभीर जरुर है। लेकिन तमाम दिक्कतों के बावजूद पैदावार में कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकार ने कहा है कि इस बार का मानसून अच्छा रहने की उम्मीद है। राधामोहन सिंह के मुताबिक हरेक बूंद पर ज्यादा अनाज की योजना पर गंभीरता से काम कर रही है। देश में अभी सिंचाई से संबंधित 89 परियोजनाएं लंबित पड़ी है। इसके लिए 20000 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
इस साल इनमें से 23 योजनाएं पूरी कर ली जाएंगी और बाकी की योजनाओं का लक्ष्य 2017 तय किया गया है। राधामोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों केसाथ मिलकर सूखे से निबटने केउपायों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हालात बुरे जरुर हैं लेकिन उतना नहीं जितना समझा जा रहा है। कृषि मंत्री ने रबी की कटाई केबाद खरीफ फसलों केप्रबंधन के लिए दो दिन की बैठक बुलाई है। सूखे पर संयम बरतने की सलाह देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि बीज और दवा बनाने वाली कंपनियों का एकाधिकार और मनमानी नहीं चलने दिया जाएगा। सरकार इनके मूल्यों को नियंत्रित रखेगी।