उर्वरकों के अविवेकपूर्ण उपयोग से मिट्टी के बहुपोषक तत्व में आ सकती है कमी
Submitted by Aksh on 1 May, 2015 - 23:53उर्वरकों के अविवेकपूर्ण और असंतुलित उपयोग और जैविक सामग्रियों के वर्षों तक कम उपयोग करने से मृदा स्वास्थ्य की बहुपोषक तत्व में कमी और क्षरण हो सकते हैं। उर्वरकों के अविवेकपूर्ण उपयोग के संबंध में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल दीर्घ आवधिक उर्वरक प्रयोग पर अखिल भारतीय समन्वित अनुरक्षण परियोजना (एआईसीआरपी) कार्यान्वित कर रहा है। यह प्रमुख फसलन प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न मृदा प्रकारों (निर्धारित स्थानों) में मृदा उर्वरता की निगरानी करता है। उन्होंने बताया कि कुछ दशकों के जांच दर्शाते हैं कि अकेले नाइट्रोजीनियस
खेतों को आग तथा कीटनाशक से दूर रखे
Submitted by Aksh on 1 May, 2015 - 23:30खेतों को आग तथा कीटनाशक से दूर रखकर लाखों-करोड़ों जीवों की हिंसा के पाप से बचा जा सकता है। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां पर किसानों के बड़े वर्ग की आय का जरिया कृषि उपज ही है। पेट की अग्नि को अन्न के बिना शांत किया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में प्रकृति की मार ने सभी को लाचार कर रखा है। इससे किसान वर्ग भी अछूता नहीं है। यह विचार बुधवार को दिगंबर जैन नन्हें मंदिर में आयोजित मंगल प्रवचनों के दौरान आचार्य विभव सागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं का लगातार आना इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं प्राकृतिक नियमों के विपरीत कार्य किया जा रहा है। खेतों में कीटनाशक के उपयोग तथा