कृषि कैलेण्डर .माहवार क्या क्या करें

कृषि कैलेण्डर .माहवार क्या क्या करें

जनवरी महीने के प्रमुख कृषि कार्य

 

इस महीने में गन्ने की तैयार फसल की कटाई की जाती है एवं कटाई के बाद गुड़ बनाया जाता है।

इसके उपरान्त गन्ने की नई फसल लगाने के लिए खेत को तैयार करते हैं छत्तीसगढ़ के किसान।

 

जो गेहूँ देर से बोये जाते हैं, उस गेहूँ में प्रथम सिंचाई किरीट जड़ अवस्था में करते हैं। अर्थात बोने के 21-25 दिन बाद ये किया जाता है।

 

रबी दलहनों में पहले सिंचाई के बाद निदाई गुड़ाई करते हैं।

चना, मटर, मसूर में कटुआ इल्ली के कोप से फसलों की रक्षा की व्यवस्था करते हैं।

 

अदरक की खेती से मालामाल हो सकते हैं किसान

अदरक की खेती से मालामाल हो सकते हैं किसान

भोजन के स्वाद को लाजबाब करने के साथ कई रोगों से निजात दिलाने में रामबाण समझे जाने वाले अदरक की उत्पादन को बढ़ाया सकता है। किसानों को जरूरत है तो बस पुराने ढर्रे को छोड़ वैज्ञानिक तरीका अपनाने की।

सब्जियों के छिलकों व जूठन से बनी घरेलू गैस

सब्जियों के छिलकों व जूठन से बनी घरेलू गैस

उसलापुर स्थित रेलवे लोको प्रशिक्षण केंद्र के मेस में सब्जियों के छिलके, जूठन व कचरों से बने बायोगैस से स्वादिष्ट भोजन तैयार हो रहा है। करीब 13 लाख रुपए की लागत से यहां बायोगैस संयंत्र स्थापित किया गया है। प्रयोग के तौर पर पिछले चार दिनों से मेस में प्रशिक्षु ट्रेन चालकों के लिए रोटी, सब्जी, दाल पकाए जा रहे हैं। रविवार को लगातार 7 घंटे तक इस गैस से चूल्हा जलने का रिकार्ड दर्ज किया गया।

कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत बनाने में जुटी सरकार

कृषि विज्ञान केंद्रों की खामियों को दूर करने के लिए गठित श्रीवास्तव कमेटी की सिफारिशों पर केंद्र सरकार ने अमल शुरू कर दिया है। कृषि विज्ञान केंद्रों के कामकाज की निगरानी प्रणाली को मजबूत बनाने की तैयारी की जा रही है।

केवीके की निगरानी और मूल्यांकन का दायित्व अब तीसरे पक्ष को सौंपा जाएगा। केंद्रों की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत बनाया जाएगा। देश के कुल 676 में से 596 जिलों में 642 कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। सरकार को इन कृषि विज्ञान केंद्रों से बड़ी उम्मीदें हैं।

Pages