अदरक की खेती से मालामाल हो सकते हैं किसान
भोजन के स्वाद को लाजबाब करने के साथ कई रोगों से निजात दिलाने में रामबाण समझे जाने वाले अदरक की उत्पादन को बढ़ाया सकता है। किसानों को जरूरत है तो बस पुराने ढर्रे को छोड़ वैज्ञानिक तरीका अपनाने की।
कृषि ज्ञानकेंद्र ऊंज में शुक्रवार को अदरक की खेती की जानकारी किसानों की दी गई। कृषि वैज्ञानिक डा.टीडी मिश्र ने बताया कि किसान रबी व खरीफ के साथ अदरक की खेती कर अच्छा आय प्राप्त कर सकते हैं। श्री मिश्र ने बीजों के प्रजाति के बारे में बताया कि सुप्रभा,सुरभी, एक्सटेंशन-35, कोल-35, कोल-117 की प्रजाति यहां की मिंट्टी व मौसम के लिए अनुकूल है। मई के अंतिम माह तक को बोआई के लिए उपयुक्त समय बताते हुए कहा कि प्रति हेक्टेयर के लिए 20 से 25 क्विंटल बीज की जरूरत पड़ती है। बोआई में पौधों की पौधों से दूरी 15-20 सेमी व पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 सेमी रखने व चार सेमी की गहराई में बीज बोने की सलाह दी। श्री मिश्र ने बोआई के पूर्व बीज शोधन की सलाह देते हुए बताया कि 0.25 प्रतिशत इथेन एम-45 और बाबिस्टीन 0.1 प्रतिशत के मिश्रित घोल में एक घंटे तक बीज कंदों को डुबोकर बाहर निकालने के बाद एक से दो दिन छाया में सुखाकर बोआई करना फायदेमंद होगा।
साभार जागरण