पाली में हो सकती है अजवायन

 

 

पाली।पाली में भी अजवायन की खेती हो सकती है। कृçष्ा विज्ञान केन्द्र में करीब दो साल से इसका प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन काफी अच्छा साबित हो रहा है। यहां की जलवायु और मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त है। यह सभी प्रकार की जमीन में पैदा हो सकती है। यहां की दोमट मिट्टी इसके लिए काफी कारगर साबित हो सकती है। 

5-6 माह में फसल तैयार

अजवायन की फसल अच्छे जल निकास वाली जमीन में अधिक उपजाऊ है। यह रबी की फसल है। इसकी बुवाई अगस्त से लेकर दिसम्बर तक हो सकती है। फसल 5-6 माह में तैयार होती है। अगस्त सितम्बर की फसल फरवरी में और दिसम्बर की फसल अप्रेल तक तैयार हो जाती है। 

नमी से ही पैदावार

अगस्त-सितम्बर की बुवाई का फायदा अधिक होता है। अंतिम बरसात के समय खेत को बढिया तैयार कर इसकी बुवाई करते हैं। बरसात की नमी से ही इसकी फसल उग जाती है। यह कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है। यह एक ऎसी फसल है जिसमें कीट व रोग नहीं के बराबर लगते हैं। कम पानी में अच्छी पैदावार होती है। 

एक बीघा में दो क्विंटल 

कृçष्ा वैज्ञानिकों ने बताया कि एक बीघा में अच्छी तकनीक से दो क्विंटल तक पैदावार हो सकती है। अभी इसका जिले में क्षेत्रफल काफी कम है। यहां पानी की कमी को देखते हुए इस फसल से अच्छा उत्पादन हो सकता है। 
अच्छा रहा प्रदर्शन