किसानों के लिए खुशखबरी, इन फसलों का भी होगा बीमा
हिमाचल सरकार ने खरीफ मौसम 2015 के लिए राज्य में उत्पादित की जाने वाली तीन फसलें अदरक, टमाटर और मटर मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत लाने को मंजूरी मिल गई है। इस योजना के तहत उत्पादकों को तेज बारिश, गर्मी, आर्द्रता, ओलावृष्टि और सूखे आदि की स्थिति में खरीफ की उपरोक्त फसलों को होने वाले नुकसान के लिए बीमा सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र प्रायोजित इस योजना के तहत अदरक के लिए बिलासपुर के सदर, घुमारवीं, झंडूता, शिमला के मशोबरा और रामपुर, सिरमौर के नाहन, पांवटा, शिलाई, राजगढ़, संगड़ाह और पच्छाद तथा सोलन के कुनिहार, कंडाघाट और धर्मपुर, टमाटर के लिए बिलासपुर के सदर, घुमारवीं और झंडूता, कांगड़ा जिले के भेडू़ महादेव, नगरोटा बगवां, कांगड़ा, रैत, भवारना और बैजनाथ, कुल्लू के कुल्लू, नग्गर, निरमंड, मंडी जिला के सराज, गोहर, करसोग, बल्ह और द्रंग, शिमला के ठियोग, रामपुर, बसंतपुर, नारकंडा, मशोबरा, रोहडू, चौहारा।
चौपाल, जुब्बल और ननखड़ी, सिरमौर के नाहन, पांवटा, राजगढ़, संगड़ाह, शिलाई और पच्छाद तथा सोलन के कुनिहार, कंडाघाट, धर्मपुर और सोलन को शामिल किया गया है। इसी तरह मटर की फसल के लिए चंबा के शलूनी, तीसा, किन्नौर के पूह, कल्पा, निचार, कुल्लू के निरमंड, आनी, कुल्लू, नग्गर और बंजार, लाहौल स्पीति, केलंग, मंडी सराज, गोहर, करसोग, बल्ह और द्रंग तथा शिमला के ननखड़ी।
नारकंडा, रोहडू, चौहारा, जुब्बल, मशोबरा, ठियोग, चौपाल, बसंतपुर और रामपुर इस योजना के तहत शामिल किए गए हैं। ऋणधारक उत्पादकों के लिए बीमा संबंधित वित्तीय संस्थानों और नोडल बैंक के माध्यम से और गैर ऋणधारक उत्पादकों को बीमा छत्र बीमा कंपनियों के माध्यम से प्राप्त होगा।
मटर और टमाटर के लिए एक लाख रुपये प्रति हेक्टेयर और अदरक के लिए 1.50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से बीमा आवरण प्रदान किया जाएगा। मटर की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए 15 हजार रुपये का अतिरिक्त आवरण प्रदान किया जाएगा। अदरक और मटर के लिए प्रीमियम की दर 11 प्रतिशत और टमाटर के लिए 10.5 प्रतिशत निर्धारित की गई है।