केंचुआ खाद से मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।
रासायनिक खादों के बुरे असर से निजात दिलाने के लिए किसानों को केंचुए से बनी खाद(जेविक खाद ) का प्रयोग करना चाहिए !किसानों को जैविक खाद के बारे में उपयोगी जानकारी लेनी चाहिये क्योकि इससे रोजगार के नए मौके मुहैया होंगे। केंचुआ खाद समय की मांग है ! रासायनिक उर्वरकों की वजह से भूमि की उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, लेकिन केंचुआ खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।
इससे किसानों के जीवन में एक नई क्रांति आएगी और उन्हें भूमि की खोई उर्वरा शक्ति फिर से प्राप्त करने की प्रेरणा मिलेगी।रासायनिक खाद की तुलना में केंचुआ खाद को अपनाने पर जमीन की उर्वराशक्ति बढ़ाने पर आने वाला खर्च बहुत कम हो जाएगा।केंचुए ऑर्गैनिक कचरे को बहुत तेजी से विघटित करते हैं। उससे बनने वाली खाद काफी अच्छी होती है और वह जमीन की उर्वरता बढ़ाने में मददगार साबित होती है।केंचुआ खाद से जमीन में समुचित लवणीय संतुलन के साथ-साथ फसल के लिए जरूरी पोषक तत्व भी उत्पन्न होते हैं। केंचुआ खाद का उत्पादन आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए उपयोगी कुटीर उद्योग भी साबित हो सकता है। केंचुआ खाद से जहां किसान के खेतों की उर्वराशक्ति बढे़गी, वहीं केंचुओं से और केंचुए प्राप्त होंगे जो किसानों की अतिरिक्त आय का जरिया बनेंगे।
सरकार को केंचुआ खाद उत्पादन योजना को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र प्रयोगशाला एवं ब्रीडिंग केंद्र स्थापित किए जाने चाहिये जहां किसान प्रशिक्षण लें सके और साथ ही उन्हें अपने उत्पाद की पैकिंग एवं मार्केटिंग की सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था भी की जाये ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसान खुद अपने स्तर पर केंचुआ खाद का उत्पादन कर सके
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