जहर भी कम, कहर भी कम और कमाई दोगुनी
Submitted by Aksh on 27 April, 2015 - 13:29इन्हें मंडियों में भटकने की जरूरत नहीं पड़ती। खेतों में खड़ी फसल की बुकिंग पहले ही हो जाती है, वह भी दोगुने रेट पर। खर्चा भी दूसरे किसानों से कम है। जहां, बेमौसम बारिश से फसल खराब होने पर किसान आत्महत्या कर रहे हैं, वहीं मीरपुर सईदां के शेर सिंह और कादियां के पास लीलकलां गांव के हरपाल सिंह ऐसे चुनिंदा किसानों में हैं, जिनकी फसल का बारिश भी कुछ नहीं बिगाड़ पाई। कारण, ये किसान जैविक (आर्गेनिक) तरीके से खेती करते हैं। फिलहाल, पंजाब में करीब 100 किसान जैविक खेती कर रहे हैं।