नमूने फेल हुए तो रोक दी गेहूं की खरीद

गेहूं की खरीद

भारतीय खाद्य निगम की ओर से जिले में सरकारी खरीद केंद्रों पर खरीदे गए गेहूं के सात नमूने फेल किए जाने के बाद किसानों की चिंता और बढ़ गई है। हालात यह हैं कि गांवों में स्थापित क्रय केंद्रों पर खरीद रोक दी गई है।

सरकारी एजेंसियों का कहना है कि किसानों से खरीदे गए गेहूं को एफसीआई ने स्वीकार नहीं किया तो उसका वह क्या करेंगे। किसानों को मजबूरन खुले बाजार में सस्ते दामों को अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। 

इस साल मॉनसून सामान्य से कम रहेगा: मौसम विभाग

मौसम विभाग ने बुधवार को इस साल मॉनसून को लेकर पहला पूर्वानुमान जारी किया है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज कहा कि इस साल मॉनसून सामान्य से कम रहेगा. पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल जून से शुरू हो रहे मॉनसून सीजन में औसत से कम बारिश होने की आशंका है.

पहले बारिश, अब आ रहा नया खतरा

मौसम की मार से किसानों को लगातार दूसरे साल भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। बेमौसम बरसात से फसलों की बर्बादी और किसानों की आत्महत्या के मामले उजागर होने के बाद अब सरकार ने सूखे की आशंका जता दी है।

मौसम विभाग ने इस वर्ष मानसून सामान्य से नीचे रहने की आशंका व्यक्त की है। इसका सर्वाधिक प्रभाव देश के उत्तर-पश्चिम इलाके और मध्य भारत में हो सकता है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस वर्ष के पहले पूर्वानुमान को जारी कहते हुए कहा है कि जून से सितंबर के बीच कम बारिश होने की आशंका है।

व्यावसायिक केला उत्पादन से छोटे और सीमांत किसानों को मिली स्थायी आजीविका

उत्तर प्रदेश के रायबरेली और बाराबंकी जिलों में लगभग 60 प्रतिशत आबादी छोटे भूमि धारकों की है। यहां की मुख्य फसल गेहूं और धान की उत्पादकता और लाभप्रदता निम्न है। इसके अलावा आजीविका के अन्य अवसर भी उपलब्ध नहीं है। कई किसान प्रगति और अपनी आजीविका में विविधता चाहते थे, लेकिन आर्थिक संसाधनों के अभाव के कारण वे ऐसा करने में असमर्थ थे। आर्थिक सशक्तिकरण और आजीविका के विविधीकरण के लिए उन्होंने नकदी फसल के रूप में केले का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया। इसके प्रारंभिक दौर में अधिकांश किसानों का यह मानना था कि केला उनके जैसे छोटे भूमि धारकों के लिए एक उच्च जोखिम भरा फसल है, जबकि इसके लिए उनके पास अच्छी भ

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