अमृत जल
अमृत जल
यह गोबर, गौ-मूत्र और गुड को मिला कर बनया गया एक ऐसा घोल है जिसमें अवात जीवी सूक्ष्मजीवों की संख्या और विविधता बहुत अधिक होती है। इसमें मौजूद रासायनिक तत्व मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं और सूक्ष्मजीव मिट्टी के भौतिक और रासानिक गुणों को बढ़ाते हैं।
अमृत जल तैयार करने के लिए आवष्यक सामग्री क्या है ?
अमृत जल तैयार करने के लिए निम्न सामग्री की आवष्यकता होती है-
१ एक लीटर भारतीय नस्ल की गाय का गोमूत्र।
२ एक किलो ताजा गोबर।
३ दस (10) लीटर पानी।
४ काला या देशी गुड़ 50 ग्राम या गुड की जगह 12 अति पके हुए केले या 6 अमरुद के फल या कटहल की 12 कली या 500 मिलीलीटर गन्ना का रस या काजू के 12 फल इनमें से जो भी उपलब्ध हो।
विशेष-
देशी गाय के गोमूत्र और गोबर की गुणवत्ता अच्छी होती है। अतः इसके उपयोग को प्राथमिकता दें। गोमूत्र जितना पुराना होगा उसकी गुणवत्ता उतनी अच्छी होगी। गोबर का ताजा होना बहुत जरुरी है, क्योंकि ताजे गोबर में ही सूक्ष्मजीवों की संख्या ज्यादा होती है। काले गुड़ के उपयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि इसमें रसायन का इस्तेमाल नहीं होता। आवष्यकता के अनुसार अमृत जल तैयार करने के लिए सामग्री के अनुपात को स्थिर रखते हुए मात्रा परिवर्तित की जा सकती है।
अमृत जल तैयार करने की विधि क्या है ?
सबसे पहले दस लीटर पानी में एक लीटर गोमूत्र मिलाएँ। अब इसमें एक किलो ताजे गोबर को अच्छी तरह घोलकर मिलाएं। इसके बाद 50 ग्राम गुड़ को पानी में तब तक पिघलाएं जब तक वह अच्छी तरह न घुल जाए। अब इस मिश्रण को ढँककर रख दें। दिन में 3 दफा इस मिश्रण को 12 बार घड़ी की दिशा में और 12 बार घड़ी की उलटी दिशा में घुमाएँ। घोल बनाने के 72 घंटों बाद इसमें 100 लीटर पानी मिलाएं। करीब 111 लीटर के इस घोल को अमृत जल कहा जाता है।