खेती को फायदे का व्यवसाय बनाने के लिए किसान खेती के तरीके में बदलाव कर रहे हैं। धान-गेहूं की जगह कम लागत में तैयार होने वाली औषधीय फसलों पर जोर दे रहे हैं। सीतापुर, बाराबंकी औैर राजधानी के आस-पास के जिलों के किसान मेंथा, भूमि आंवला, आर्टीमीशिया एनुआ, सतावर जैसी औषधीय फसलें उगा रहे हैं।