कठुआ

गेटवे ऑफ जम्मू व कश्मीर के नाम से प्रसिद्ध कठुआ जिला जम्मू से 87 किलोमीटर और पठानकोट से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पूर्व में इसे कठुई के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर कठुआ रख दिया गया। ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाने वाला यह जिला लगभग 2000 वर्ष पुराना माना जाता है। यह स्थान जहां एक ओर मंदिरों जैसे धौला वाली माता, जोदि-दि-माता, आशापूर्णी मंदिर आदि के लिए जाना जाता है वहीं दूसरीं ओर यह बर्फ से ढ़कें पर्वतों, प्राकृतिक सुंदरता और घाटियों के लिए भी प्रसिद्ध है।

फसलों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण देश

युद्ध हुआ तो बर्बाद हो जाएगी सीमा पर लगी 70 हजार हेक्टेयर फसल

एलओसी पर तैनात जवान
सीमा पर लगी फसलों पर फिर से पाक गोलाबारी का खतरा बन गया है। बढ़ते आतंकी हमलों से संघर्ष विराम उल्लंघन की आशंका बन गई है। इसे लेकर बार्डर और एलओसी पर लगी धान और मक्की की फसल काटने की चुनौती किसानों के सामने खड़ी है।
लखनपुर से लेकर पुंछ के मंडी तक किसान भयभीत हैं। अक्सर फसल पकने और लगाने के समय पाक की ओर से गोले बरसाए जाते हैं। जानकारी के अनुसार जम्मू संभाग में 165 किलोमीटर लंबी एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर तारबंदी है।