फसल उत्पादन हेतु सामयिक सलाह
Submitted by Aksh on 9 April, 2020 - 11:54 गेहूँ, राई, सरसों की प्रजाति अनुसार समय से कटाई, मड़ाई, सफाई करके अच्छी तरह सुखाकर भंडारण करें।
देर से बोयी जाने वाली चने की फसल में मार्च के अन्तिम सप्ताह में या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में फलीछेदक सूँडी हानि पहुंचाती है। इसकी रोकथाम के लिये डाईमेथोएट 30 ई॰ सी॰ की 600 से 750 मिली मात्रा/है॰ का प्रयोग करें। अंगमारी ग्रस्त पौधों को उखाड़कर नष्ट कर दें। चना मटर में दाने पकने पर समय से काटकर, मड़ाई कर, अच्छी प्रकार सुखाकर भंडारण करें।
ग्रीष्मकालीन मूँग की बुवाई 10 अप्रैल तक की जा सकती है अतः सरसों, मसूर, गन्ना पेड़ी के खाली खेतों में तुरन्त मूँग की बुवाई कर दें।