गुड़मार

गुड़मार (वानस्पतिक नाम : Gymnema sylvestre ) एक औषधीय पौधा है जो मध्य भारत (मध्य प्रदेश), दक्षिण भारत और श्रीलंका का देशज है॥ यह बेल (लता) के रूप में होता है। इसकी पत्ती को खा लेने पर किसी भी मीठी चीज का स्वाद लगभग एक घंटे तक के लिए समाप्त हो जाता है। इसे खाने के बाद गुड़ या चीनी की मिठास खत्म हो जाती है और वह खाने पर रेत के समान लगती है। इस विशेषता के कारण स्थानीय लोग इसे गुड़मार के नाम से पुकारते हैं। मधुमेह में इसका उपयोग प्रायः किया जाता है।यह भूख बढ़ाने वाली, मूत्रवर्धक, ठंड़क प्रदान करने वाली और टाँनिक के रूप मे उपयोग की जाने वाली औषधीय है।
    इसे एक मुख्य मधुमेह उपचारात्मक जड़ी – बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है।

यह मूल रूप से भारत का पौधा है जो मध्य और प्रायद्वीप भारत में पाया जाता है। यह उत्तरी और पश्चिमी भारत में भी पाया जाता है। इसे अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी उगाया जाता है। भारत में यह मध्य प्रदेश के जबलपुर, सतना, पन्ना, शहडोल, होशंगाबाद, रीवा, दमोह, बिलासपुर, बैतूल और छतरपुर जिलों में पाया जाता है।
    यह अग्नाशाय से शर्करा को हटा देती है जिससे अग्नाशय पुन: अपनी स्थिति में आ जाता है।
    यह संचार प्रणाली को उत्तेजित करती है जिससे मूत्रस्त्राव बढ़ जाता है।
    यह सूजन ग्रंथियों, खांसी और बुखार के इलाज के लिए उपयोगी होती है।
    यह सामान्य सीरम, कोलेस्ट्राल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है।
    लंबी समय अवधि तक इस्तेमाल करने से यह शर्करा के स्तर कम कर देती है।
    इसकी जड़ का पेस्ट या चूर्ण सर्प के काटने के घाव में लगाया जाता है।
    यह जड़ी - बूटी वजन को नियंत्रित और दुरूस्त करती है। रक्त में स्वस्थ्य वसा के स्तर को बढ़ा देती है। चीनी खाने की लालसा को कम करती है।
    यह अपच, कब्ज, पीलिया और कार्डयोपैथी में उपयोगी होती है।

गुड़मार की खेती

विश्‍व में पाये जाने वाले अनेकों बहुमूल्‍य औषधीय पौधों में गुड़मार एक बहुउपयोगी औषधीय पौधा है। यह एस्‍कलपिडेसी कुल का सदस्‍य है। इसका वानस्‍पतिक नाम जिमनिमा सिलवेस्‍ट्री है। गुड़मार के पत्‍ते तथा जड़ औषधीय रूप में उपयोग किये जाते हैं।गुड़मार या मेषश्रृंगी एक बहुत उपयोगी जड़ी-बूटी है। आयुर्वेद में इसके पत्तों और जड़ को औषधीय रूप से प्रयोग किया जाता है। जैसा की नाम से ही पता चलता है, यह जड़ी-बूटी गुड़ अर्थात मीठेपन को नष्ट करती है। इसका सेवन मधुमेह में बढ़ी हुई रक्तशर्करा को कम करता है। यह मधुमेह, जिसे डायबिटीज भी कहा जाता है, के उपचार में प्रभावी है। गुड़मार के पत्ते स्वाद में कुछ नमकीन-कड़वे होते ह