ऑर्गेनिक खेती, खेत उगलें सोना

ऑर्गेनिक खेती, खेत उगलें सोना

ऑर्गेनिक खेती आजकल कई शिक्षित युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। जमीन से जुड़े इस करियर में काफी अच्छी कमाई है। साथ ही सरकार इसे प्रोत्साहित करने के लिए ऑर्गेनिक कृषकों को कई तरह से सहायता उपलब्ध कराती है।

देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, वहीं यह सेक्टर पचास फीसद से ज्यादा आबादी को रोजगार भी उपलब्ध कराता है। इसके अलावा हाल के वर्षों में जिस तरह से कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण हुआ है, इसमें नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा है, पारंपरिक खेती के साथ-साथ ऑर्गेनिक और इनोवेटिव फार्मिंग हो रही है, उसने एग्रीकल्चर के प्रति समाज और खासकर युवाओं का नजरिया काफी हद तक बदला है।

यही कारण है कि बीते कुछ समय में आईआईटी और आईआईएम से पास-आउट कई युवाओं ने मल्टीनेशनल कंपनियों की जॉब छोड़कर एग्रीकल्चर और एग्रीबिजनेस की ओर रुख किया है। इनके अलावा भी दूसरे सेक्टरों में काम करने वाले युवा हॉर्टिकल्चर, डेयरी, ऑर्गेनिक और पोल्ट्री फार्मिंग जैसे पेशे से जुड़ रहे हैं। उन्हें गर्व है कि वे देश और किसानों के लिए कुछ सकारात्मक कर पा रहे हैं।
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ऑर्गेनिक खेती बनाए मालामाल

ऑर्गेनिक खेती का जिक्र तो आजकल बहुत हो रहा है, लेकिन सवाल यह है कि अगर किसी को इसमें करियर बनाना है, तो वह क्या करे। गौरतलब है कि यह ऐसी खेती है, जिसमें सिंथेटिक खाद, कीटनाशक आदि जैसी चीजों के बजाय तमाम ऑर्गेनिक चीजें जैसे गोबर, वर्मी कंपोस्ट, बॉयोफर्टिलाइजर्स, क्रॉप रोटेशन तकनीक आदि का इस्तेमाल किया जाता है।

कम जमीन में, कम लागत में इस तरीके से पारंपरिक खेती के मुकाबले कहीं ज्यादा उत्पादन होता है। यह तरीका फसलों में जरूरी पोषक तत्वों को संरक्षित रखता है और नुकसानदेह केमिकल्स से दूर रखता है। साथ ही यह पानी भी बचाता है और जमीन को लंबे समय तक उपजाऊ बनाए रखता है। यह पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मददगार है।

कैसे करें शुरूआत?

अगर आपको ऑर्गेनिक खेती शुरू करनी है, तो सबसे पहले आपको इसका प्रोजेक्ट या ब्लू प्रिंट बनाना होगा। यह तय करना होगा कि कितनी जमीन पर यह खेती करेंगे। जमीन की लोकेशन क्या है? जमीन किस फसल के लिए अच्छी है? आपका बजट कितना है? यह प्रोजेक्ट किसी भी चार्टर्ड एकाउंटेंट से बनवा सकते हैं। इसके बाद आपको फॉर्म 1 ए-1, 1 ए-3, 1जी और फॉर्म 11 भरकर रजिस्ट्रेशन फीस के साथ अपने राज्य के डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन में जमा करना होगा।

सरकार देती है सब्सिडी

कृषि वैज्ञानिक आपकी जमीन की जांच करेंगे और यह तय करेंगे कि इसकी मिट्टी किस फसल की खेती के लिए अच्छी है। इसके बाद आपका प्रोजेक्ट कृषि विभाग में पास होने के लिए भेज दिया जाएगा। ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए तकरीबन हर राज्य में सरकार 80 से 90 फीसद तक सब्सिडी देती है। मतलब यह आपको पूरे प्रोजेक्ट में 10 से 20 फीसद ही इनवेस्ट करना होगा।

प्रोजेक्ट पास होने के बाद ऑर्गेनिक फार्मिंग टेक्निक वाली कंपनियां सेटअप लगाने के लिए आपसे खुद संपर्क करती हैं। सरकार से मिले पैसों से ये कंपनियां आपकी जमीन पर ग्रीन हाउस और ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए सेटअप लगाती है। साथ ही आपको ट्रेनिंग भी देती हैं।

सिर्फ मानसून पर निर्भर नहीं कृषि

कृषि अब पूरी तरह से मानसून पर निर्भर नहीं है। वैज्ञानिक तरीके से अगर खेती की जाए, तो फसल भी अच्छी होती है और पानी भी कम लगता है। पहले जैसे सूखे के हालात अब नहीं पैदा होते। अब बारिश के पानी का स्टोरेज भी बेहतर तरीके से किया जाता है। इससे बारिश कम होने पर भी फसलों को पर्याप्त पानी मिल जाता है।

सेल्फ एम्प्लॉयमेंट का जरिया

एग्रीकल्चर स्वरोजगार का सबसे अच्छा साधन है। इससे अब अच्छी कमाई भी की जा सकती है। बहुत से प्रोफेशनल फार्मर साइंटफिक फार्मिंग के जरिये न सिर्फ अच्छा पैसा कमा रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। यही नहीं, प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों सेक्टरों में एग्रीकल्चर का स्कोप तेजी से बढ़ रहा है।