मसूर

मसूर की फसल में प्रमुख कीट और रोगों पर समेकित नियंत्रण

मसूर का दलहनी फसलों में महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी खेती रबी ऋतु में की जाती है। भारत में मसूर की खेती प्रमुखतः मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र बिहार पं बंगाल व राजस्थान में होती है।मसूर की फसल को बहुत से हानिकारक कीट और रोग नुकसान पहुचाते है| जिससे किसानों को मसूर की फसल से अपनी इच्छित उपज प्राप्त नही हो पाती है| यदि समय पर आर्थिक स्तर से अधिक हानि पहुचाने वाले कीट एवं रोगों पर नियंत्रण कर लिया जाए तो मसूर की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है| इस लेख में मसूर की फसल में प्रमुख कीट और रोगों पर समेकित नियंत्रण कैसे करें

म्लानि (उकठा रोग)

मसूर की खेती

रबी की दलहनी फसलों में मसूर का प्रमुख स्थान है। यह यहाँ की एक बहुप्रचलित एवं लोकप्रिय दलहनी फसल है जिसकी खेती प्रायः हर राज्य में की जाती है। कृषि वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि धान के कटोरे में दलहन की खेती की भी अपार संभावनाएं हैं।इसकी खेती प्रायः असिंचित क्षेत्रों में धान के फसल के बाद की जाती है । रबी मौसम में सरसों एवं गन्ने के साथ अंततः फसल के रूप में लगाया जाता है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने में भी मसूर की खेती बहुत सहायक होती है। उन्नतशील उत्पादन तकनीको का प्रयोग करके मसूर की उपज में बढ़ोतरी की जा सकती है।

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