किसानों के बैंक खाते में आएगी फसल ऋण पर ब्याज सब्सिडी

 ब्याज सब्सिडी

सस्ते कर्ज का लाभ जरूरतमंद किसानों तक पहुंचाने के इरादे से सरकार फसल ऋण पर मिलने वाली ब्याज सब्सिडी को सीधे उनके बैंक खाते में भेजने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्रालय इस संबंध में बैंकों से विचार विमर्श कर रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस बारे में फैसला हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने बैंकों से पूछा है कि अल्पावधि कृषि ऋण पर ब्याज सब्सिडी की योजना को मौजूदा स्वरूप में सभी किसानों के लिए चलाया जाए या फिर इसे लक्षित कर इसका लाभ सिर्फ लघु और सीमांत किसानों को ही पहुंचाया जाए। मंत्रालय ने बैंकों से इस योजना को अधिकाधिक प्रभावी बनाने के सुझाव भी मांगे हैं। सरकार इस विकल्प पर भी विचार कर रही है कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत बैंक खाते में ही ब्याज सब्सिडी का लाभ सभी किसानों को दिया जाए या फिर यह सुविधा सिर्फ लघु और सीमांत किसानों तक सीमित रखी जाए।

उल्लेखनीय है कि ब्याज सब्सिडी योजना के तहत किसान बैंक से तीन लाख रुपये तक का अल्पावधि लोन सात फीसद सालाना ब्याज दर पर ले सकते हैं। इस योजना के तहत सरकार दो फीसद ब्याज सब्सिडी देती है जो बैंकों के पास जाती है। इसके अलावा समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को ब्याज दर में तीन फीसद की अतिरिक्त छूट भी मिलती है। इस तरह किसानों को मात्र चार फीसद की दर से ही ब्याज चुकाना पड़ता है। 

सूत्रों ने कहा कि सरकार व्यय सुधारों के मद्देनजर ब्याज सब्सिडी किसानों के बैंक खाते में भेजने की तैयारी कर रही है। सरकार को अक्सर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि जरूरतमंद किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। साथ ही यह चिंता भी प्रकट की गई है कि इस लोन का इस्तेमाल खेती के लिए किया जा रहा है या इसका उपयोग गैर-कृषि कार्यों के लिए किया जाता है।

बीते पांच साल में ब्याज सब्सिडी पर सरकारी खर्च 

वर्ष करोड़ रुपये 

2014-15 6000

2013-14 6000

2012-13 5400

2011-12 3282

2010-11 3531