मौसंबी की उन्नत खेती

मौसंबी की उन्नत खेती

मौसंबी (Citrus limetta) एक फल है। यह नींबू जाति का ही फल है परन्तु नींबू से अनेक गुना लाभदायक है। मौसमी का फल नांरगी के बराबर आकार का होता है। मुम्बई और गुजरात में इसे मुसम्मी या मौसमी कहते हैं। उत्तर प्रदेश मे इसे 'मीठा नींबू' कहते हैं। मौसमी का रस साबुन, शराब तथा अन्य पेयों में डाला जाता है। इसके छिलके से निकाला हुआ तेल जल्दी उड़ जाता है। इसलिए इसके तेल को जैतून के तेल के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है।

मौसमी का उपयोग पोषक आहार के रूप में होता है। मौसमी की तीन किस्में-नेवल, जुमैका और माल्टा हैं। मौसमी की कलम लगाने से आजकल इसकी अनेक उपजातियां हैं। नेवल किस्म अमेरिका में उत्तम मानी जाती है। माल्टा का छिलका व रस लाल रंग का होता है। मौसमी के फल एक-आधा महीना तक बिना बिगड़े ज्यों-के-त्यों बने रहते हैं।

मौसंबी की उन्नत खेती

मौसंबी की उन्नत खेती

निंबु वर्गीय फलो मे मौसंबी यह अत्यंत महत्वपुर्ण फसल है। देश मे मुख्य रूप महाराष्ट्र मे बडे पैमाने पर इस फसल का उत्पादन किया जाता है। जिसमें अहमद नगर, पुणे , जलगाॅव, जालना, औरंगाबाद, नागपुर, अमरावती जिले अग्रणी है। इसके अतिरीक्त मध्यप्रदेश मे छिंदवाड़ा जिले मे सौसर एवं पांढुरना तहसील मे इसका उत्पादन लिया जाता है। इसके अतिरीक्त आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, पंजाब, हरियाना राज्यो मे मौसंबी की खेती की जाती है।

मौसंबी के लिए जमीन