कीटनाशक

कीटनाशक रासायनिक या जैविक पदार्थों का ऐसा मिश्रण होता है जो कीड़े मकोड़ों से होनेवाले दुष्प्रभावों को कम करने, उन्हें मारने या उनसे बचाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कृषि के क्षेत्र में पेड़ पौधों को बचाने के लिए बहुतायत से किया जाता है।

उर्वरक पौध की वृद्धि में मदद करते हैं जबकि कीटनाशक कीटों से रक्षा के उपाय के रूप में कार्य करते हैं। कीटनाशक कीट की क्षति को रोकने, नष्‍ट करने, दूर भगाने अथवा कम करने वाला पदार्थ अथवा पदार्थों का मिश्रण होता है। कीटनाशक रसायनिक पदार्थ (फासफैमीडोन, लिंडेन, फ्लोरोपाइरीफोस, हेप्‍टाक्‍लोर तथा मैलेथियान आदि) अथवा वाइरस, बैक्‍टीरिया, कीट भगाने वाले खर-पतवार तथा कीट खाने वाले कीटों, मछली, पछी तथा स्‍तनधारी जैसे जीव होते हैं।

बहुत से कीटनाशक मानव के लिए जहरीले होते हैं। सरकार ने कुछ कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि अन्‍य के इस्‍तेमाल को विनियमित (रेगुलेट) किया गया है।

गन्ने की फसल को खतरा अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट फाल आर्मी वर्म

गन्ने की फसल को खतरा अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट फाल आर्मी वर्म

लॉकडाउन के चलते जहां समूचे देश में मुसीबत खड़ी है तब किसान ने एक बार अहसास कराया कि वह देश की अर्थव्यवस्था की मूल अक्ष हैं।लेकिन ईश्वर भी किसानों की परीक्षा लेता ही रहता है अभी प्रदेश के सभी किसानों का गन्ना चीनी मिल तक पहुंच नही पाया कि गन्ने में एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
गन्ने की फसल को खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट फाल आर्मी वर्म गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है।

मिट्टी में जीवांश कार्बन की कमी से घट रही पैदावार

मिट्टी में जीवांश कार्बन की कमी से घट रही पैदावार

इस बार रबी फसलों की कटाई में उत्पादन एवं उ‌त्पादकता में कमी के संकेत मिले हैं। इसकी मुख्य वजह प्रदेश की मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की भारी कमी है। इसका खुलासा होने के बाद अब कृषि विभाग ने मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए एक आर्गेनिक कार्बन मिशन के गठन की तैयारी तक शुरू कर दी है।

लॉकडाउन से छूट, खुली रहेंगी बीज-खाद और कीटनाशकों की दुकानें

लॉकडाउन के दौरान किसान को राहत देते हुए सरकार ने खेती से जुड़े कामों की इजाजत दी है. इसके लिए उर्वरकों की दुकानों और खरीद एजेंसियों को भी छूट दी गई है, जिससे कोरोना वायरस की वजह से देशभर में हुए लॉकडाउन के दौरान किसान खेती कर सकें.

अब गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने भी माना कि कोरॉजन के प्रयोग से गन्ना किसानों को होगा नुकसान

अब गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने भी माना कि कोरॉजन के प्रयोग से गन्ना किसानों को होगा नुकसान

किसान हेल्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.आर.के. सिंह ने जो बात 4अक्टूबर 2015 को अपने के किसान  जागरूपता अभियान में कही आज वही बात उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त  श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने कही । डॉ.आर.के. सिंह ने कोराजन को  जीवन और जमीन दोनों के लिए घातक बताया था ।उन्होंने कोराजन से होने वाले नुकसान तथा कुछ किसानों के प्रत्यक्ष प्रमाण भी दिय जिन्होंने अपनी जमीन को सुधारने के लिए डॉ.आर.के.सिंह से सलाह ली और कोराजन के दुष्प्रभाव से बचाया । 
 

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