खेती

खेती
कृषि के उद्यम को ही आम भाषा में खेती कह जाता हैं।आज भारत में ६५% लोग खेती के काम में लगे है या खेती से जुड कर अपनी आजीविका चला रहे है. फिर भी हमारे यहा खेती हमेशा से संकटग्रस्त रही है. भारत की खेती मानसून आधारित है , जिस से यहा पर एक बात हमेशा देखि जाती है की मानसून अच्छा और मजबूत होगा तो सेंसेक्स और सत्ता दोनों बड़े मजबूत होते है नहीं तो भारत का बाज़ार कमज़ोर हो जाता है. इस वर्ष भारत में मोसम विभाग ने माना है की देश का मानसून कमज़ोर है . जो जुलाई माह में पिछले वर्ष की तुलना में २५%कम सक्रीय है.जिस से खेती पर संकट सा छ गया है. यदि अगले माह भी यही हालात रहे तो देश में खेती और अन्य कामो के लिए पानी का संकट सा छाया रहेगा . एसे हालत में हम खेती के लिए क्या करे और पानी कहा से लाये? पानी के बेहतर उपयोग और बचत के अलावा कोई विकल्प नहीं है .

गन्ने की फसल को खतरा अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट फाल आर्मी वर्म

गन्ने की फसल को खतरा अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट फाल आर्मी वर्म

लॉकडाउन के चलते जहां समूचे देश में मुसीबत खड़ी है तब किसान ने एक बार अहसास कराया कि वह देश की अर्थव्यवस्था की मूल अक्ष हैं।लेकिन ईश्वर भी किसानों की परीक्षा लेता ही रहता है अभी प्रदेश के सभी किसानों का गन्ना चीनी मिल तक पहुंच नही पाया कि गन्ने में एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
गन्ने की फसल को खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट फाल आर्मी वर्म गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है।

मिट्टी में जीवांश कार्बन की कमी से घट रही पैदावार

मिट्टी में जीवांश कार्बन की कमी से घट रही पैदावार

इस बार रबी फसलों की कटाई में उत्पादन एवं उ‌त्पादकता में कमी के संकेत मिले हैं। इसकी मुख्य वजह प्रदेश की मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की भारी कमी है। इसका खुलासा होने के बाद अब कृषि विभाग ने मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए एक आर्गेनिक कार्बन मिशन के गठन की तैयारी तक शुरू कर दी है।

कोरोना वीर धर्मेंद्र सिंह लाठर जिन्होंने 225 क्विंटल गेहूं सरकार को दान दिया

कोरोना वीर  धर्मेंद्र सिंह लाठर जिन्होंने 225 क्विंटल गेहूं सरकार को दान दिया

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के किसान ने मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने खेत में पैदा हुए 225 क्विंटल गेहूं को लॉकडाउन में जरूरतमंदों को बांटने के लिए जिला प्रशासन को दान कर दिया। जिला प्रशासन ने गेहूं की तौल करा कर रखवा लिया है। अब इस गेहूं को पिसवा कर आटा जरूरतमंदों को वितरित किया जाएगा। यह भी संभव है कि इस गेहूं को बेच कर जिला प्रशासन जरूरतमंदों के लिए अन्य वस्तुएं भी खरीद ले।

कोरेना वायरस के चलते लॉकडाउन 2 में कृषि कार्यों पर छूट 20 अप्रैल से

कोरेना वायरस के चलते लॉकडाउन 2 में कृषि कार्यों पर छूट 20 अप्रैल से

सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से अछूते क्षेत्रों  या कम से कम प्रभावित क्षेत्रों में 20 अप्रैल से शुरू होने वाली कृषि  सेवाओं और गतिविधियों की एक नई लिस्ट जारी की है. इस सूची में आयुष समेत स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि एवं बागवानी गतिविधियों, मछली पकड़ने (समुद्री और अंतर्देशीय), वृक्षारोपण गतिविधियों (अधिकतम 50 प्रतिशत श्रमिक के साथ चाय, कॉफी और रबर) और पशुपालन को रखा गया है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कोरोना संकट को काबू में करने के लिए लॉकडाउन  को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है.  

खेती, हॉर्टीकल्चर, कृषि से जुड़ी गतिविधियों को शुरू करने की इजाज़त दी जाएगी.

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