धान की खेती

ऊसरीली भूमि पर करें धान की खेती

ऊसरीली भूमि पर करें धान की खेती

खरीफ की फसलें क्षारीयता को सह लेती हैं। धान की फसल भी क्षारीयता के प्रति सहनशील होती है इसलिए ऊसरीली भूमि में दो-तीन वर्षों तक खरीफ में सिर्फ धान की फसल लेनी चाहिए। ऐसा करने से जैविक क्रिया के फलस्वरूप एक प्रकार का कार्बनिक अम्ल बनता है जो क्षारीयता को कम करता है। साथ ही भूमि में सोडियम तत्व का अवशोषण अधिक मात्रा में होने से भूमि में विनिमयशील सोडियम की मात्रा कम हो जाती है और भूमि की भौतिक तथा रायायनिक गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार हो जाता है।तथा प्रत्येक खाद पर 2 से 3 किलो साडावीर अवश्य डालें।