बटाईदार

बटाईदारी कृषि की उस व्यवस्था को कहा जाता है जिसमें ज़मीन का मालिक उसपर काम करने वाले किसान को अपनी ज़मीन का प्रयोग करने का अधिकार इस शर्त पर देता है कि किसान अपनी फ़सल का कुछ हिस्सा उसके हवाले कर देगा। दुनिया भर में बटाईदारी की बहुत सी प्रणालियाँ रही हैं। उदाहरण के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में मुग़ल और अंग्रेज़ी ज़माने की ज़मींदारी व्यवस्था में किसी गाँव की ज़मीन को उस गाँव के ज़मींदार की सम्पत्ति माना जाता था और वह गाँव के अन्य निवासियों को उसपर तभी काम करने देता था अगर वे उसे अपनी फ़सल का हिस्सा दें। अमेरिका में 'शेयरक्रॉपिन्ग' (sharecropping), इटली में 'मेत्ज़ाद्रिया' (mezzadria), फ़्रांस में 'मेतायाझ़' (métayage) और स्पेन में 'मेदियेरो' (mediero) इसके अन्य उदाहरण हैं। इस्लामी शरिया क़ानून में भी बाग़ों पर काम करने के लिए एक 'मुसाक़त' नाम की बटाईदारी व्यवथा का उल्लेख है।

संशोधित बटाईदार कानून से आसान हो जाएगी खेती

संशोधित बटाईदार कानून से आसान हो जाएगी खेती

कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में सरकार ने सक्रिय पहल की है। इसके लिए राज्यों से अपने भू राजस्व कानून में संशोधन का आग्रह किया गया है, ताकि किसानों के हित में चलाई गई योजनाओं का लाभ उन्हें मिल सके। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मध्य प्रदेश के संशोधित विधेयक का मसौदा भेजा है। इससे खेती की मुश्किलें आसान हो जाएंगी।