मूंग

मूँग साबुत हो या धुली, पोषक तत्वों से भरपूर होती है। अंकुरित होने के बाद तो इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों केल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है। मूँग शक्तिवर्द्धक होती है। ज्वर और कब्ज के रोगियों के लिए इसका सेवन करना लाभदायक होता है।

यह भी उड़द दाल की तरह तीन प्रकार की होती है:

मूंग साबुत
मूंग छिलका
मूंग धुली

मूंग की खेती कर बढ़ाएं मिट्टी की उर्वरा शक्ति

मूंग की खेती कर बढ़ाएं मिट्टी की उर्वरा शक्ति

 तेजी से घट रही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग कई तरह के कार्यक्रमों का संचालन व्यापक स्तर पर कर रहा है. लगातार रासायनिक उर्वरकों  के प्रयोग से बहुत तेजी से मिट्टी की उर्वरा शक्ति घट रही है, जिसको लेकर विभाग के साथ-साथ सरकार काफी चिंतित है.

 

अब विभाग का ध्यान जैविक खाद का प्रयोग करने की तरफ बढ़ रहा है, जिससे एक तरफ मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ सके, वहीं दूसरी ओर किसानों  को आर्थिक लाभ भी मिल सके.  इस योजना के तहत कृषि विभाग खाली पड़े खेतों में मूंग, सनई व ढैचे की खेती को करने पर बल दे रहा है.

 

मूंग की खेती करनेसे बढ़ती है भूमि की उर्वरा शक्ति

मूंग की खेती करनेसे बढ़ती है भूमि की उर्वरा शक्ति

 मूंग की खेती करने से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है । इसीके चलते हरियाणा में पानीपत जिले के कृषि विभाग ने मूंग की बिजाई काने का बीड़ा उठा है । विभाग किसानों को बीज, खाद और खरपतवारनाशक देगा, ताकि अधिक से अधिक किसान मूंग की बिजाई कर सकें। मूंग की फसल लेने से भूमि का स्वास्थ्य बेहतर होगा और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

 

 

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