मसाले
भोजन को सुवास बनाने, रंगने या संरक्षित करने के उद्देश्य से उसमें मिलाए जाने वाले सूखे बीज, फल, जड़, छाल, या सब्जियों को 'मसाला (spice) कहते हैं। कभी-कभी मसाले का प्रयोग दूसरे फ्लेवर को छुपाने के लिए भी किया जाता है।
मसाले, जड़ी-बूटियों से अलग हैं। पत्तेदार हरे पौधों के विभिन्न भागों को जड़ी-बूटी (हर्ब) कहते हैं। इनका भी उपयोग फ्लेवर देने या अलंकृत करने (garnish) के लिए किया जाता है।
बहुत से मसालों में सूक्ष्मजीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है।
पिस्ता की खेती
Submitted by Aksh on 11 December, 2022 - 07:45आवश्यक जलवायु
पिस्ता की फसल के लिए मौसम की स्थिति बेहद अहम तत्व है। पिस्ता के बादाम को दिन का तापमान 36 डिग्री सेटीग्रेड से ज्यादा चाहिए। वहीं, ठंड के महीने में 7 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उनके शिथिल अवधि के लिए पर्याप्त है। इसके पेड़ ज्यादा ऊंचाई वाली जगहों पर ठंडे तापमान की वजह से अच्छी तरह बढ़ नहीं पाते हैं। भारत में पिस्ता के नट्स यानी बादाम को बढ़ने के लिए जम्मू-कश्मीर प्राकृतिक जगह है। पिस्ता के लिए आवश्यक
मिट्टी
हल्दी व अदरक की खेती
Submitted by Aksh on 19 April, 2020 - 22:12किसान साथियों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हल्दी अदरक लगाने का उचित समय 15 मार्च से 15 अप्रैल है, लेकिन अगर आप ने नहीं लगाया है तो अभी भी समय है और आप इसे लगा सकते हैं। इस समय हल्दी लगाने से बरसात होने तक पौधे बड़े हो जाते हैं व ढेर से पत्ते होने के कारण छाया होने लगती है। जिससे खरपतवार कम उगते हैं। हल्दी और अदरक दोनों को सूरज के सीधे प्रकाश की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती है, अतः इसे बागों में भी अन्तःशस्य फसल के रूप में भी लगाया जा सकता है।यहाँ ध्यान देने योग्य बात ये है कि जब हम बागों में अन्तःशस्य फसल के रूप में इन फसलों को लगाये तो पौधों को खाद की मात्रा अलग से दें।
हींग की खेती
Submitted by Aksh on 21 February, 2019 - 10:19हींग की खपत हमारे देश में लगभग 40 प्रतिशत है. यह शायद थोड़ी अजीब भी है की जिस देश में हींग की खपत इतनी ज्यादा है उस देश में इसकी खेती नहीं होती और इसे दूसरे देश से आयात करना पड़ता है. वहीं हींग का बाजार भाव 35000 रुपए प्रति किलो ग्राम है.
इन देशों में होती है हींग की खेती
हिंग एक सौंफ प्रजाति का पौधा है और इसकी लम्बाई 1 से 1.5 मीटर तक होती है. इसकी खेती जिन देशों में प्रमुख तौर पर होती हैं वो है अफगानिस्तान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान और ब्लूचिस्तान. कब और कहां कर सकते हैं
हींग की खेती