जैविक खेती के साथ गो पालन को दें बढ़ावा : बृजमोहन
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसानों को उन्नत और तकनीकी खेती के साथ जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। जैविक खेती से कृषि योग्य भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहती है, जबकि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से खेत की उत्पादन क्षमता में लगातार कमी हो रही है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक है। उन्होंने किसानों से प्रयोग के तौर पर एक-एक एकड़ खेत पर जैविक खेती करने का आग्रह किया।
मंगलवार को कृषि, पशुपालन, जलसंसाधन व धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पंडरिया विकासखंड के ग्राम पंचायत लोहरा के केशल गोशाला में आयोजित चार दिवसीय गोपालन, जैविक कृषि पंचगव्य चिकित्सा कार्यशाला एवं गो कथा के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व राज्य सभा सदस्य गोपाल व्यास ने की। इस अवसर पर लोरमी विधायक तोखन साहू, कामधेनू विवि के कुलपति यूके मिश्रा, राधवन, विष्णु गिरी, पुरुषोत्तम तिवारी, हरदयाल उपाध्याय, गोपाल दुबे और गोशाला संस्थापक बिसेशर पटेल विशेष रूप से उपस्थित थे।
गोशाला संचालकों की हर संभव मदद करेगी सरकार
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन ने किसानों में गौमाता के संरक्षण, सवंर्धन तथा जैविक खेती, गौसेवा के प्रति जागृति आएगी। इससे किसान धीरे-धीरे जैविक खेती से जुड़ते जाएंगे। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए गौशाला संचालकों को विशेष आग्रह करते हुए कहा कि गौ शाला संचालक यह सुनिश्चित कर लें कि उनके गांव, विकासखंड और जिले से एक भी गाय न बेचा जाए। गौ पालन करने वाले किसानों से सभी गोबर खाद्, गौमूत्र गोशाला संचालक खरीदी के लिए आए। यदि गौशाला संचालक इस कार्य के लिए आगे आएंगे तो राज्य शासन उन गोशाला संचालकों की हर संभव मदद करेगी। उन्होने कहा कि राज्य शासन गोपालन के संरक्षरण और संवर्धन के लिए विशेष प्रत्यशील है। इसीलिए राज्य शासन गो सेवा आयोग का गठन कर गोमाता के संरक्षण और संर्वधन के साथ जैविक खेती के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है।