गन्ने में पेड़ी प्रबन्धन
Submitted by Aksh on 29 April, 2020 - 22:53गन्ने की फसल से अधिक आर्थिक लाभ के लिए यह आवश्यक है कि उसकी पेड़ी भी ली जाये। पेड़ी फसल का प्रबन्धन यदि बेहतर ढंग से किया जाये तो इससे बावग फसल के बराबर ही उपज प्राप्त की जा सकती है।पेड़ी को अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे रैतून, मुड़ आदि
Ø पेड़ी फसल में खेत की तैयारी, बीज तथा बीज की बुवाई का व्यय बचता है।
Ø बावग फसल से कम समय में तैयार होने के कारण इसमें सिंचाई पर कम व्यय होता है तथा नत्रजन का बेहतर उपयोग होता है।
Ø पेड़ी बावग फसल की अपेक्षा कम समय में तैयार हो जाती है अतः फसल चक्र में कम समय लगता है।