मृदा उर्वरता एवं उर्वरक उपयोग क्षमता बढ़ाने के मुख्य उपाय
रासायनिक उर्वरकों की बढ़ती हुई कीमतों के कारण मध्यम वर्गीय किसान इनकी संतुलित मात्रा का प्रयोग भी नहीं कर पाते हैं। अतः अब यह जरूरी हो गया है कि हम किसी ऐसी कार्बनिक खाद का प्रयोग करें जिससे कि मृदा के गुणों में सुधार हो, फसलोत्पादन भी अधिक बढ़े तथा कृषकों को आसानी से सुलभ भी हो जाए। इसका एक महत्वपूर्ण उपाय है - हरी खाद का प्रयोग।
पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में नाइट्रोजन का प्रमुख स्थान है क्योंकि यह-
1. पौधों के हरितकवक, अमीनो अम्ल, विटामिंस, न्यूक्लिक अम्ल, प्रोटीन, एमाइड, एल्कालाइड तथा प्रोटोप्लाज्म के संश्लेषण में सक्रिय भाग लेता है।
2. एडिनोसिन ट्राईफास्फेट (जो कि एक श्वसन ऊर्जा वाहक है) का एक अवयव है।
3. सभी जीवित कोशिकाओं की वृद्धि एवं विकास को बढ़ाता है।
4. चारे एवं पत्तियों वाली सब्जियों के गुणों को सुधारता है।