हनुमान की पूंछ की तरह बढ़ते कृषि ऋण जाते हैं किस सुरसा के मुंह में!
Submitted by Aksh on 17 July, 2016 - 08:55हर साल के बजट में सरकार कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाती जा रही है और पिछले कई सालों से वास्तव में बांटा गया कृषि ऋण घोषित लक्ष्य से ज्यादा रहा है। इस साल के बजट में भी वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने चालू वित्त वर्ष 2012-13 के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 5.75 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। बीते वित्त वर्ष 2011-12 में यह लक्ष्य 4.75 लाख करोड़ रुपए का था जिसमें से दिसंबर 2011 तक 71.73 फीसदी (3,40,716 करोड़ रुपए) ऋण बांटे जा चुके थे। पिछले आठ सालों से कृषि ऋण के बढ़ने और बंटने का यही सिलसिला चल रहा है।