कड़ाके की ठंड और कोहरा मतलब गेहू के अच्छे दिन
कड़ाके की ठंड में इंसानों के साथ जानवरों को दिक्कत जरूर हो रही है लेकिन फसलों में खासकर गेहूं के लिए मौसम का मौजूदा मिजाज फायदे का सौदा बन गया है। पिछेती गेहूं की फसल में कल्ले फूटने के लिए जिस तरह का तापमान चाहिए, वह उसे पिछले चार-पांच दिन में मिल गया। गेहूं के अच्छे दिन के आगाज से वैज्ञानिकों को भी बंपर पैदावार का अनुमान है। करीब तीन महीने में पक कर तैयार होने वाली गेहूं की फसल की दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक बुआई हुई थी।
ऐसी फसल को पिछेती कहा जाता है। पिछेती गेहूं की फसल में कल्ले फूटने के दिनों में तापमान करीब 10-15 डिग्री के आसपास चाहिए, सो वह चार-पांच दिनों के अंदर मिल गया। अगेती गेहूं की फसल बढ़वार की ओर है। बढ़वार के समय में भी मौसम का मिजाज इसी तरह का होना चाहिए। तजुआ गांव के महावीर सिंह ने बताया "कि गेहूं की फसल में इस बार कोई खास रोग भी नहीं लगा है। माहु की आशंका रहती है, सर्द हवाओं की वजह से वह भी पौधों पर प्रभाव कम ही डाल पाएगा। गेहूं की फसल के अनुरूप मौसम के मिजाज से साफ है कि पिछेती फसल भी प्रति बीघा तीन क्विंटल और अगेती फसल प्रति बीघा चार से पांच क्विंटल पैदावार देगी। आगे भी सबकुछ ठीक रहा तो गेहूं से किसानों का घर-आंगन भर जाएगा।"
शिमला मिर्च-टमाटर को नुकसान की आशंका पाला ज्यादा पड़ने की स्थिति में पालक, मैथी, पत्ता और फूल गोभी को तो नुकसान नहीं होता है लेकिन टमाटर और शिमला मिर्च की फसल में तापमान में गिरावट की वजह से पिछेती झुलसा का प्रकोप बढ़ जाता है। पिछेती झुलसा के साथ ही फफूंद भी पौधों को चपेट में ले सकता है। इससे बचाव के लिए किसानों को मैंकोजैव दो ग्राम प्रति एक लीटर में मिलाकर टमाटर और शिमला मिर्च की फसल में छिड़काव कर दिया जाए तो पौधे सुरक्षित बने रहेंगे।
गेहूं की फसल से बंपर पैदावार के संकेत के साथ इलाके के किसान भी खुश हैं। कड़ाके की ठंड के दिनों में गेहूं के पौधों की बढ़वार अच्छी रहती है। ठंड से सब्जी फसलों में आलू के बाद अगर किसी और फसल को नुकसान की आशंका है तो वह टमाटर और शिमला मिर्च है। -
डॉ. अर्जुन सिंह, कृषि वैज्ञानिक
ठंड से सब्जी फसलों में आलू , टमाटर और शिमला मिर्च में नुकसान की संभावना रहती है।कड़ाके की ठंड होना गेंहूँ की पैदावार के लिये अच्छे संकेत होते हैं।फसलों को पाले से बचाने के लिए नियमित सिंचाई करें।गन्ना इन दिनों लाल होने लगता है जिसके बाचव के लिए सल्फर का प्रयोग करें।
डॉ. राधा कान्त सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान हैल्प