बहु फसल लगाने से खेती में लागत कम होगी और मुनाफ़ा बढेगा
किसानों को बदलते जलवायु परिवर्तन से फसल रक्षा करनी है, तो उन्हें कई फसलें लगानी चाहिए। केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान में 11 मई को राष्ट्रीय तकनीक दिवस के मौके पर किसानों को जलवायु में आ रहे परिर्वतनों से अवगत करना और उसके मुताबिक खेती के तरीकों और किस्मों परिवर्तन लाना विषय पर एक बैठक का आयोजन किया गया।।
सीमैप के वरिष्ठï वैज्ञानिक डॉ सौदान सिंह ने बताया, कई फसलों को लगाकर किसान खेती में आने वाले जोखिमों को कम कर सकते हैं। इस तरह से अगर किसी एक फसल में घाटा हो भी जाता है तो पूरा पैसा नहीं डूबेगा। ज्यादातर औषधिय और सगंध फसलें जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील होती है। किसानों को मुख्य खाद्यान्न के साथ इनकी अंतर फसलीय खेती करने से खेती की लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है।
इस मौके पर किसानों और उद्यमियों की बैठक भी कराई गई, जिससे औषधिय एवं सगंध तेलों के खरीदार उद्यमी और किसानों की मुलाकात कराई गई। जिससे किसानों को बाजार में खरीदार को ढूंढऩे में मश्क्कत नहीं करनी पड़ेगी और उद्यमियों को बाजार से कम कीमत पर कच्चा माल मिल सकेगा। इस दौरान किसानों ने मेंथा में लग रहे कीटों के निंयत्रण के उपाए पूछे और मेंथा की ऐसी किस्म विकसित करने के लिए कहा, जिसमें कीट न लगाने पाए।