फसल बीमा से रुकेगी किसान आत्महत्या
खेती में घाटे के चलते बर्बाद होने वाले किसानों की आत्महत्या रोकने के प्रयास में सरकार जुट गई है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि खेती के जोखिम को घटाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है। इससे किसान खुदकुशी करने को मजबूर नहीं होंगे।
उनका कहना था कि फसल बीमा योजना से किसानों की खुदकुशी रुकेगी। कृषि मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा में पूछे सवालों का जवाब देते हुए किसानों के हित संरक्षण में उठाए गए कदमों की फेहरिस्त गिनाई।
14 अप्रैल को मंडी की स्थापना
सिंह ने बताया कि कृषि उपज के उचित मूल्य दिलाने के लिए 14 अप्रैल को राष्ट्रीय कृषि मंडी लांच होगी। किसानों की दशा सुधारने को सरकार उनकी उपज के उचित मूल्य दिलाने के लिए राष्ट्रीय कृषि मंडी स्थापित करेगी। सरकार को विश्वास है कि किसानों की हालत में सुधार के लिए उनकी आय में वृद्धि करना आवश्यक है। इसके लिए कम लागत में फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं।
खेती की लागत भी कम करना जरूरी
जानकारों का मानना है कि केवल उपज बढ़ाने से किसानों की दशा नहीं सुधरेगी, बल्कि खेती की लागत में कमी करना जरूरी है। ताकि किसानों का लाभ मार्जिन बढ़ाया जा सके। खेती की लागत में कमी लाने के उपाय गिनाते हुए कृषि मंत्री सिंह ने विस्तार से बताया कि खेतों की सेहत जांचने, खाद के संतुलित प्रयोग, उन्नतशील बीज, नीम कोटेड यूरिया, राष्ट्रीय परंपरागत खेती और हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की गई है। इन उपायों पर कारगर अमल हो जाने से खेती की लागत में अप्रत्याशित कटौती होगी और उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी।
साबित होगी सबसे कारगर योजना
सिंह ने दावा किया कि खेती के जोखिम को घटाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अब तक की सबसे कारगर योजना साबित होगी। यह योजना किसानों को कम प्रीमियम पर ज्यादा लाभ देने वाली साबित होगी। कृषि मंत्री ने बताया कि भारत में फिलहाल प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादकता चीन, यूरोप और अमेरिका के मुकाबले बहुत कम है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कई अहम उपाय किए हैं, जिससे किसानों की हालत में सुधार होगा।
2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य
कृषि मंत्री ने उच्च सदन को बताया कि सूखे के बावजूद खाद्यान्न की पैदावार अधिक हुई है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। मंडी कानून में सुधार के प्रयास जारी हैं, जिसके लिए 11 राज्यों से 200 से अधिक सुझाव आए हैं। देशव्यापी ई मंडी की स्थापना 14 अप्रैल को की जाएगी, जिसकी मदद से किसान अपनी उपज का बेहतर मूल्य पा सकेंगे।
साभार नई दुनिया जागरण